बयानवीर नेताओं की जुबान पर लगाम से एकजुट नजर आई कांग्रेस!

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फोटो सोशल मीडिया

-देवेंद्र यादव-

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देवेन्द्र यादव

भारत-पाक तनाव के बीच, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एकजुट नजर आई। यह पहला मौका था जब कांग्रेस के बयान वीर नेता अपने स्तर पर भारत पाक तनाव को लेकर किसी भी प्रकार का बयान देते हुए नजर नहीं आए। बल्कि ये नेता या तो खामोश रहे या फिर वही बात करते नजर आए जो राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोल रहे थे कि इस नाजुक घड़ी में हम सरकार के साथ हैं और ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय सेना को बधाई।
अक्सर देखा जाता है कांग्रेस के कई नेता अपने बयानों के कारण कांग्रेस को संकट में डाल देते हैं और इसका फायदा सत्ता पक्ष भारतीय जनता पार्टी के नेता उठाते थे। लेकिन इस बार कांग्रेस के नेताओं ने यह अवसर नहीं दिया कि कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया जा सके। इस प्रकरण में तो कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी पर भारी पड़ती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार से भारत पाक तनाव और सीजफायर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रही है।
हालांकि तनाव के बीच सर्वदलीय बैठक भी दो बार आयोजित की गई थी लेकिन उन बैठकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो उनका जवाब था, संकट की घड़ी में हम सब सरकार और सेना के साथ हैं। जब सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछने की बारी आएगी तब हम उनसे सवाल पूछ लेंगे। अभी हम सब इस संकट की घड़ी में एक साथ हैं।
सीजफायर की घोषणा हो गई है और अब कांग्रेस संसद का विशेष सत्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रही है।
संसद का विशेष सत्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी या नहीं इसका तो इंतजार करना होगा मगर लंबे समय बाद कांग्रेस के भीतर यह लगा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में कांग्रेस के नेता एकजुट हैं। बेवजह बयान देने वाले ऐसे नेता अब राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की बातों को गंभीरता से लेते हैं वरना देखा जाता था कि ये नेता राहुल गांधी और खरगे को यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वह उनसे भी बड़े नेता हैं। इस बार यह भ्रम टूटा और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और खरगे के नेतृत्व में एकजुट नजर आए जो भविष्य में कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत हैं। सेना के ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में कांग्रेस के द्वारा देशभर में निकाली गई जय हिंद यात्रा ने भी कांग्रेस को एकजुट किया, और उसी से लगा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की बात में दम है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

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