
-देवेंद्र यादव-

रायबरेली के लोगों से मेरे राजनीतिक संबंध नहीं बल्कि पारिवारिक संबंध है, मुझे आप हर वक्त आपके साथ खड़ा पाएंगे, क्योंकि रायबरेली मेरा पारिवारिक घर है राजनीतिक घर नहीं है। यह बात रायबरेली से पहली बार सांसद बने राहुल गांधी ने 20 फरवरी गुरुवार के दिन रायबरेली में एकत्रित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही।
राहुल गांधी ने कहा कि रायबरेली के दो सांसद हैं एक में और दूसरी प्रियंका गांधी। राहुल गांधी से पहले रायबरेली संसदीय क्षेत्र से श्रीमती सोनिया गांधी सांसद थी जो लंबे समय तक रायबरेली से लगातार सांसद बनीं।
राहुल गांधी की बातों और आम जनता से उनका मिलन और संवाद करना इशारा कर रहा है कि रायबरेली की कमान राहुल गांधी ने सीधे अपने हाथों में ले ली है। इसीलिए उन्होंने कहा कि रायबरेली से दो सांसद हैं एक में और दूसरी सांसद मेरी बहन प्रियंका गांधी है। उसे भी रायबरेली बुलाया करो। गत दिनों रायबरेली के कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी से मिलने दिल्ली गए थे। तब कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से कहा था कि रायबरेली पर ध्यान दो तब राहुल गांधी ने कहा था कि मैं स्वयं रायबरेली आऊंगा और रुकूंगा। राहुल गांधी ने अपना वादा निभाया और रात्रि विश्राम भी रायबरेली में किया। इससे स्पष्ट होता है कि राहुल गांधी ने रायबरेली की कमान सीधे अपने हाथों में लेने का मन बना लिया है, क्योंकि उन्हें लोकसभा प्रतिनिधि कौन होगा इसको लेकर नेताओं में खींचतान होने की बातें सुनाई दे रही हैं।
पूर्व में श्रीमती सोनिया गांधी के लोकसभा प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा हुआ करते थे। मगर वह 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से जीतकर संसद बन गए। तभी से सवाल उठा की राहुल गांधी का लोकसभा प्रतिनिधि कौन होगा, क्योंकि शर्मा गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता है जो लंबे समय से रायबरेली और अमेठी में गांधी परिवार के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं। गांधी परिवार ने ही उन्हें अपनी पारंपरिक अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया था। किशोरी लाल शर्मा की ईमानदार मेहनत 40 साल के उनके त्याग की बदौलत वह अमेठी जैसी प्रतिष्ठित सीट से भारी मतों से चुनाव जीते।
वह राहुल गांधी के साथ रायबरेली दौरे के दरमियान रहे। इस बीच राहुल गांधी ने रायबरेली में अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया।
राहुल गांधी ने दलित वर्ग के लोगों से संवाद करते हुए कहा कि मायावती अब मजबूती के साथ चुनाव क्यों नहीं लड़ती हैं। राहुल गांधी के इस सवाल ने उत्तर प्रदेश और देश की राजनीति को गरमा दिया और कयास लगने शुरू हो गए की क्या मायावती इंडिया घटक दल की सदस्य बनेगी और आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अंदर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन होगा। तीनों पार्टियां फिर एक बार साथ मिलकर उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। भविष्य में क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है मगर राहुल गांधी की भावना अभी भी यह है कि इंडिया गठबंधन एकजुट रहे और मजबूत बने।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)