
बारां। विभिन्न संस्थाओं संगठनों बुद्धिजीवियों और आम जनता द्वारा चलाए जा रहे शाहबाद बचाओ आंदोलन को लेकर भारत भर के अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरणविदों, राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण विशेषज्ञों राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रेमियों के साथ साथ हाड़ौती संभाग की विभिन्न संस्थाओं में भी अपना मोर्चा खोल लिया है। इन संस्थाओं में पर्यावरण प्रेमियों के साथ साथ साहित्यकार, व्यवसायी, गणमान्य नागरिक,पत्रकार, अभिभाषक, शिक्षक समुदाय आध्यात्मिक चेतना जागृत करने वाले संत महात्मा,युवा शक्ति और समाज सेवी शामिल हैं।
आंदोलन को लगातार बढ़ावा मिल रहा है जिसमें सड़क पर उतर कर संस्थाओं और संगठनों के लोग प्रदर्शन कर सरकार द्वारा ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को हाइड्रो पावर प्लांट लगाने हेतु शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में काटे जाने वाले लाखों पेड़ों की कटाई रोकने हेतु मांग कर रहे हैं।
भारतीय सांस्कृतिक निधि अध्याय बूंदी के सभी सदस्यों द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलकर शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए अध्याय संयोजक एड राजकुमार दाधीच की अगुवाई में बूंदी में प्रदर्शन कर सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
इंटेक बारां चैप्टर के कन्वीनर राजकुमार दाधीच ने बताया कि ” शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां द्वारा चलाए जा रहे शाहबाद बचाओ आंदोलन में भारतीय सांस्कृतिक निधि बूंदी अध्याय द्वारा खुलकर सरकार के इस नादिरशाही फैसले के खिलाफ आवाज उठाई गई है। इसको लेकर प्रदर्शन कर सरकार से इन्साफ करने की मांग की गई है।शाहबाद जंगल हमारी प्राण वायु है जिसके लिए जितना भी संघर्ष करना होगा हम करेंगे।”
इंटेक कोटा अध्याय सदस्य और समिति के संरक्षक बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि” बूंदी इंटेक चैप्टर के साथ साथ पूरे बूंदी जिले की जनता जनार्दन जुड़ी हुई है जो किसी भी कीमत पर कोई भी पर्यावरण विरोधी कार्य नहीं होने देगी।”