
-देवेंद्र यादव-

लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 7 अगस्त गुरुवार के दिन, दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा गांधी भवन में, उस राजनीतिक बम को फोड़ दिया, जिसका इंतजार जनता कर रही थी। राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ मीडिया को बताया कि चुनाव आयोग, मतदाता सूचियों में हेर फेर करके भारतीय जनता पार्टी को चुनाव जितवा रहा है। मैं लंबे समय से अपने ब्लॉग में लिख रहा था कि कांग्रेस और राहुल गांधी को ईवीएम मशीन नहीं बल्कि मतदाता सूचियों पर समय रहते ध्यान देना चाहिए। यदि ध्यान नहीं दिया तो, देश में चुनाव ईवीएम मशीन से हो या फिर वैलिड पेपर से जीतेगी तो भाजपा ही। मेरी इस बात पर राहुल गांधी ने 7 अगस्त को पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में मोहर लगा दी। आखिर राहुल गांधी और कांग्रेस को समझ आ गया कि कांग्रेस जीती हुई बाजी को क्यों हार रही है। भाजपा एंटी इनकंबेंसी के बावजूद क्यों जीत रही है। राहुल गांधी ने लंबे विचार विमर्श और खोजबीन करने के बाद, भारत के चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस को उपलब्ध करवाई मतदाता सूचियो में हो रही अनियमितताऔ की एक-एक कर परते खोलना शुरू किया तो, लोग सन्न रह गए। राहुल गांधी ने मीडिया के माध्यम से देश की जनता को सच्चाई बताने के बाद, चुनाव आयोग की सच्चाई को इंडिया घटक दल के नेताओं को भी बताया। जब राहुल गांधी ने यह बताया कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस को जो मतदाता सूची उपलब्ध कराई थी उसमें ऐसे मतदाता भी सामने आए जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में कई जगह मतदान किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र बनारस भी शामिल है। इंडिया घटक दल के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र बनारस की मतदाता सूचियों की भी गहन जांच हो, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के प्रत्याशी से कई दौर में पीछे चल रहे थे और अचानक वह बहुत कम मार्जिन से चुनाव जीत गए।
अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी के मतदाता सूचियों की अनियमितताओं को उजागर करने के बाद इंडिया घटक दल आगे क्या करेगा। क्या आगे के चुनाव का बहिष्कार करेगा या शिकायत लेकर न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगा या चुनाव आयोग की अनियमितताओं के खिलाफ आंदोलन के रूप में जनता के बीच जाएगा। राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग की अनियमितताओं को उजागर करने के बाद, कर्नाटक चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से शपथ पत्र देकर अपनी शिकायत करने को कहा है। वही केंद्रीय मंत्री रिजुजी ने भी राहुल गांधी के वक्तव्य पर सवाल उठाए हैं। रक्षाबंधन के बाद राहुल गांधी का बिहार दौरा है और सुना जा रहा है कि राहुल गांधी बिहार में एसआईआर के खिलाफ तेजस्वी यादव और इंडिया घटक दल के नेता पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के साथ पदयात्रा भी करेंगे। 7 अगस्त गुरुवार के दिन राहुल गांधी ने मतदाता सूचियो की अनियमितताओं को उजागर कर यह संदेश दे दिया है कि कांग्रेस और इंडिया घटक दल राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार से आंदोलन की शुरुआत करेंगे। बिहार में कुछ समय बाद विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। बिहार में चुनाव आयोग ने नई वोटर लिस्ट बनाई है जिसको लेकर राजनीतिक दलों खासकर इंडिया गठबंधन नाराजगी जाहिर कर चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है। उनका आरोप है कि जानबूझकर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में इंडिया घटक दल के मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियो से काटे गए हैं। इसीलिए राहुल गांधी 17 अगस्त को बिहार जा रहे हैं जहां वे 10 दिन की पदयात्रा करेंगे और शायद यह बताएगे कि कैसे चुनाव आयोग की मदद से भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीत रही है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)