
-देवेंद्र यादव-

श्रीमती इंदिरा गांधी ने 1977 की हार के बाद 1980 में वापस देश की सत्ता में वापसी की थी। उस युग में कांग्रेस को मजबूत करने और कांग्रेस पार्टी और सरकार की नीतियों और योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस ने युवा समन्वयक कार्यक्रम चलाया था। पश्चिम बंगाल के उस समय के युवा नेता देबा प्रसाद राय ( डीपी राय ) के नेतृत्व में देश भर से कांग्रेस परिवार के युवाओं को इस अभियान से जोड़ा गया था।
जिलों में कोऑर्डिनेटर और ब्लॉक में मोटीवेटर तैयार किए गए थे जो कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार की रीती नीतियों और योजनाओं को आम जन तक पहुंचाकर सरकारी योजनाओं का आम जन को लाभ पहुंचने का काम करते थे।
कांग्रेस के इस महत्वपूर्ण अभियान में कांग्रेस परिवार के गांव और शहर से वह युवा सामने आए जो पढ़े लिखे थे। उन युवाओं ने अपना जीवन कांग्रेस और राजीव गांधी के लिए समर्पित किया। घर परिवार को छोड़कर कांग्रेस को अधिक मजबूत करने के लिए निकल पड़े। कांग्रेस हाई कमान से सवाल यह है कि कांग्रेस परिवार के जिन युवाओं ने कांग्रेस के लिए अपना घर परिवार छोड़ा आज वह युवा कहां हैं। 2024 में अमेठी से सांसद चुने गए किशोरी लाल शर्मा भी इस अभियान की देन हैं। जिन्होंने अपना सारा जीवन कोऑर्डिनेटर प्रोग्राम में लगा दिया था। लगभग 35 वर्षों की तपस्या के बाद किशोरी लाल शर्मा अमेठी लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए और सांसद बने।
किशोरी लाल शर्मा की तरह आज भी देशभर में उस समय के कोऑर्डिनेटर और मोटीवेटर मौजूद हैं लेकिन कांग्रेस के स्वयंभू नेताओं की लगातार उपेक्षा के कारण वह लोग अपने घरों के अंदर कुंठित होकर बैठे हुए हैं। कांग्रेस हाई कमान को यह बात इसलिए याद दिला रहा हूं क्योंकि 4 अप्रैल को कांग्रेस हाई कमान ने निर्णय लिया कि कांग्रेस प्रतिवर्ष 50 प्रोफेशनल लोगों को कांग्रेस में शामिल करेगी और उन्हें ट्रेंड कर कांग्रेस में पद देकर नवाजा जाएगा। बेहतर होगा कांग्रेस अपनी रीती नीतियों और कांग्रेस के इतिहास को आम जनता तक पहुंचाने के लिए एक बार फिर से देश भर में कोऑर्डिनेटर प्रोग्राम जैसा कार्यक्रम शुरू करें क्योंकि कांग्रेस के पास अभी भी किशोरी लाल शर्मा और डीपी राय जैसे अनुभवी नेता मौजूद हैं और उस समय के कोऑर्डिनेटर और मोटीवेटर भी मौजूद होंगे।
गुलाम मीर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हैं। यह भी कोऑर्डिनेटर प्रोग्राम का हिस्सा रहे थे। यह तमाम लोग अभी मौजूद हैं, जिनका उपयोग इस समय कांग्रेस को मजबूत करने के लिए करना चाहिए और देशभर में कोऑर्डिनेटर जैसा प्रोग्राम एक बार फिर से ईमानदारी के साथ चलाना चाहिए। श्रीमती सोनिया गांधी भी मौजूद हैं जिन्होंने उस समय के कोऑर्डिनेटर और मोटीवेटर प्रोग्राम के युवाओं का साहस ईमानदारी वफादारी और कांग्रेस के प्रति समर्पण देखा था। कांग्रेस को मौजूदा वक्त में उस समय के जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं की जरूरत है ना की प्रोफेशनल लोगों की। यह काम कोई मुश्किल नहीं है। राहुल गांधी को आव्हान करना है उन युवा नेताओं को जिन्होंने राजीव गांधी के लिए अपना सारा जीवन न्योछावर कर दिया था।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)