
-देवेंद्र यादव-

राजस्थान कांग्रेस में बड़ा नेता कौन! अशोक गहलोत या सचिन पायलट! सोशल मीडिया पर 16 अप्रैल बुधवार को अचानक से यह खबर चल ही रही थी कि दोपहर में उसका परिणाम भी देखने को मिल गया। राजस्थान कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ 15 अप्रैल को जारी समन के विरोध में जयपुर स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर के पास कांग्रेस के नेताओं ने मंच सजाकर प्रदर्शन किया।
मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली सहित वह नेता बैठे हुए थे जो गत विधानसभा का चुनाव हार गए थे। मंच के सामने लगी कुर्सियों पर कुछ वह लोग बैठे हुए थे जिनके दिल में कांग्रेस और गांधी परिवार के प्रति दर्द है। इनमें अधिकांश वह कांग्रेस कार्यकर्ता थे जो स्वयं अपने नेता के खिलाफ जारी समन का विरोध जताने के लिए आए थे। मगर मंच से नेताओं के भाषणों ने उन्हें भी निराश किया क्योंकि नेताओं के भाषणों में उनका व्यक्तिगत दर्द अधिक सुनाई दे रहा था, ना कि कांग्रेस नेता श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रति दर्द था।

राजस्थान शायद कांग्रेस का इकलौता वह राज्य होगा जहां प्रदेश कार्यकारिणी में 50 से अधिक महामंत्री और सचिव हैं। यह कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की पसंद से बनाई गई है। राष्ट्रीय प्रभारी रंधावा ने तो कांग्रेस के संविधान को दरकिनार कर अपने लेटर पैड से दर्जनों पदाधिकारियों की नियुक्तियां भी कर दी थी। वह तमाम पदाधिकारी 16 अप्रैल बुधवार के दिन विरोध प्रदर्शन में नजर नहीं आए।
देशभर में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसकी शुरुआत सवेरे से ही हो गई थी। मगर राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस के नेताओं ने मंच सजाकर भाषणों के रूप में दोपहर के लगभग 1:00 बजे प्रदर्शन शुरू किया जिसमें नेताओं को तो देखा गया मगर उनके समर्थक कार्यकर्ता नहीं के बराबर ही नजर आए। राजधानी जयपुर के विरोध प्रदर्शन को देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि जो हालात राजधानी जयपुर में कांग्रेस के थे कमोबेश वही हालात राजस्थान के जिलों में भी रहे होंगे जहां परिवर्तन निदेशालय के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन फीका रहा होगा।
मैंने 16 अप्रैल को अपने ब्लॉग में लिखा था कि, नाजुक घड़ी में अचानक से राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा नेता कौन यह सवाल कहां से आया और क्यों आया। 16 अप्रैल को उसका रिजल्ट सामने आ गया। सचिन पायलट की गैर मौजूदगी और अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली की मौजूदगी में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन लगभग कमजोर रहा। सचिन पायलट ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की कमान संभाल रखी थी जहां प्रदर्शन दमदार रहा।
राहुल गांधी ने 16 अप्रैल को गुजरात में कार्यकर्ताओं के बीच में कहा था कि कांग्रेस उन नेताओं को महत्व देगी जिन नेताओं में दम है। जो नेता जनता और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय नहीं है उनका स्थान संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर अब नहीं होगा। क्या राहुल गांधी को राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा नेता कौन इसका जवाब मिल गया या फिर राहुल गांधी कांग्रेस के जांबाज कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर फिर से सवाल पूछेंगे ? राजस्थान कांग्रेस का नेता कौन गहलोत या पायलट!
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)