संसद में राहुल गांधी का जनता दरबार !

fisherman
राहुल गांधी संसद के स्वागत कक्ष में देश भर से आए मछुआरों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते हुए। फोटो साभार एआईसीसी

-देवेंद्र यादव-

devendra yadav
-देवेंद्र यादव-

देश की जनता ने श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी को अपने बंगले पर जनता की समस्याओं को जानने और सुनने और उनका समाधान कराने के लिए, अपने सरकारी बंगले में जनता दरबार लगाते हुए देखा है। मगर इसी गांधी परिवार के राहुल गांधी पहले ऐसे सदस्य हैं, जो लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बनने के बाद, जनता की समस्याओं को जानने समझने और उनका समाधान करवाने के लिए संसद में स्थित अपने कार्यालय में बुलाकर जनता दरबार लगाते हुए देखे जा रहे हैं।
लंबे समय से देश की जनता गांधी परिवार को सोनिया गांधी के सरकारी बंगले 10 जनपथ पर जनता दरबार लगाते हुए नहीं देख रही थी, मगर राहुल गांधी ने अब जनता दरबार संसद भवन में अपने कार्यालय में लगाना शुरू कर दिया, जो इन दिनों चर्चा का विषय बन गया है।
राहुल गांधी के इस नए अवतार को देखकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता परेशान दिखाई देने लगे हैं।
17वीं लोकसभा से राहुल गांधी को एक मुकदमे के चलते संसद और सरकारी बंगले से बाहर किया था, इस संसद में 18वीं लोकसभा में राहुल गांधी ने धमाकेदार वापसी की और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता बने, और उन्होंने संसद के भीतर अपना कार्यालय देश की आम जनता के लिए खोल दिया।
8 अगस्त को तो राहुल गांधी ने जनता को वह काम कर दिखाया जिसकी कल्पना भी किसी को नहीं थी।
राहुल गांधी ने रेलवे के लोको पायलटो को अपने जनता दरबार में बुलाया और संसद भवन में ही उनको लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलने पहुंच गए।
वैष्णव को विश्वास नहीं था कि राहुल गांधी लोको पायलटो को लेकर उनके पास जा धमकेंगे। रेलवे के लोको पायलट और कुली राहुल गांधी से कई बार मिले थे और अपनी समस्याएं बताई थी। इस पर संसद के भीतर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी को हल्के में लेते हुए मजाक बनाया था और कहा था कि लोको पायलटो की कोई समस्या नहीं है। नेता केवल उनके साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। इसका जवाब राहुल गांधी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को 8 अगस्त गुरुवार के दिन दिया जब वह संसद के भीतर लोको पायलटो को बुलाकर रेल मंत्री के पास जा पहुंचे और लोको पायलटो की समस्याएं पायलटो के मुख से रेल मंत्री को सुनवाने लगे। 8 अगस्त को ही राहुल गांधी से संसद भवन में मिलने और अपनी समस्याएं बताने के लिए सफाई मजदूर भी पहुंचे।
सफाई कर्मचारियों ने राहुल गांधी को अपनी समस्याएं बताईं। राहुल गांधी ने सफाई मजदूर की समस्याओं का समाधान करवाने का भरोसा और विश्वास दिलाया।
राहुल गांधी का लोको पायलटो की समस्याओं को लेकर अश्वनी वैष्णव के पास जाना उन नेताओं के लिए एक संदेश भी है जो नेता जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं बल्कि जनता को जुमला परोसते हैं।
लेकिन राहुल गांधी ने एक साधारण व्यक्तित्व का परिचय देते हुए लोको पायलटो को उनकी समस्याओं को लेकर रेल मंत्री से अवगत करवाया। ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब कोई बड़ा नेता समस्याओं से परेशान जनता को लेकर मंत्री से मिलता है। यह कांग्रेस के नेता और मंत्रियों के लिए भी राहुल गांधी की एक प्रेरणा है कि वह जनता की समस्याओं का समाधान करें ना कि उन्हें टाले।
राहुल गांधी ने उन लोगों को भी जवाब देना शुरू कर दिया है जो यह कहा करते हैं कि देश में विपक्ष कहां है और विपक्ष का नेता कौन है। राहुल गांधी संसद के भीतर अपने कमरे में जनता दरबार लगाकर बता रहे हैं कि देश का विपक्ष संसद में है और विपक्ष का नेता भी संसद में है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments