सचिन पायलट का सीएम बनने का सपना दूर की कौड़ी

अशोक गहलोत समर्थक 90 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मुलाकात करके अपने इस्तीफ़े बिना शर्त वापस ले लिये है क्योंकि उन्हें पार्टी के नए अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के नए प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से यह स्पष्ट आश्वासन मिला है कि इस महीने कि 23 तारीख से राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से आहूत विधानसभा के बजट सत्र में वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही इस सरकार का पांचवा बजट पेश करेंगे

-चुनावी साल होने के कारण अगले चुनाव तक मुख्यमंत्री बदले जाने की अब नही बची है संभावना

-कृष्ण बलदेव हाडा-

kbs hada
कृष्ण बलदेव हाडा

कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के नए प्रभारी बनाए गए सुखजिदर सिंह रंधावा की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही मौजूदा सरकार का लगातार पांचवे साल सालाना बजट पेश करने की अनुमति देकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों के सत्ता हस्तांतरण। की उम्मीदों पर लगभग पानी फेर दिया है।  हाल-फिलहाल तो क्या, अगले विधानसभा चुनाव तक सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनाए जाने की कोई संभावना बाकी नहीं रह गई है।
श्री अशोक गहलोत के राजनीतिक कौशल और चातुर्य के कारण ही ऐसा हो पाना मुमकिन हुआ है जिनके समर्थक विधायकों में उनके विश्वस्त सहयोगी मंत्री शांति धारीवाल की अगुवाई में उनके आवास पर राजस्थान विधायक दल की समानांतर बैठक कर और बाद में विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंपे थे।
25 सितंबर की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों की श्री धारीवाल के आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में श्री गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने का निर्णय करके स्पष्ट संकेत दिया था कि वे किसी भी सूरत में किसी अन्य को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। बाद में चले घटनाक्रम में कांग्रेस विधायक दल के लगभग 90 विधायकों ने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप कर स्पष्ट संकेत दिए थे कि अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के पद पर थोपा गया तो प्रदेश से कांग्रेस की सरकार का जाना तय है। इन्हीं घटनाक्रमों के बाद सचिन पायलट को अशोक गहलोत की जगह मुख्यमंत्री बनाने की लगातार जुगत कर रहे तात्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन को अपना इस्तीफा देना पड़ा था और जब विधिवत हुए चुनाव में मलिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए तब भी उन्होंने अजय माकन को कोई नई जिम्मेदारी नहीं देकर यह संकेत दे दिया था कि चूंकि राजस्थान में पार्टी का पलड़ा गहलोत के पक्ष में भारी है इसलिए उनकी जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाए जाने का तो सवाल ही नहीं।
बाद में माकन की जगह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के पद पर पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को नियुक्त किया गया जो उस समय प्रभारी बनाये जाने के बाद पहली बार उस समय राजस्थान दौरे पर आए जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से होकर गुजर रही थी और उस समय उन्होंने राहुल गांधी सहित अशोक गहलोत और सचिन पायलट सहित अन्य कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से विचार-विमर्श भी किया था जो सिलसिला पिछले दिनों तक भी जारी था। इन सब घटनाक्रम के बाद ही अशोक गहलोत समर्थक 90 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मुलाकात करके अपने इस्तीफ़े बिना शर्त वापस ले लिये है क्योंकि उन्हें पार्टी के नए अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के नए प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से यह स्पष्ट आश्वासन मिला है कि इस महीने कि 23 तारीख से राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से आहूत विधानसभा के बजट सत्र में वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही इस सरकार का पांचवा बजट पेश करेंगे और ऐसे संकेत भी दिए थे कि चुनावी साल होने के कारण बजट सत्र तक ही नहीं बल्कि अगले विधानसभा चुनाव तक श्री गहलोत ही इस पद पर बने रहेंगे। पार्टी आलाकमान के इस स्पष्ट संकेत के बाद ही विधायकों ने अपने इस्तीफे वापस लेकर पायलट समर्थकों की सचिन को मुख्यमंत्री बनाए जाने की सभी आशाओं-संभावनाओं पर तुषारापात करते हुये सभी द्वार बंद कर दिए हैं।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments