फेल्योर असली सीख, हैप्पीनेस सच्ची सफलता

-एलन में पद्मभूषण अभिनव बिंद्रा ने किया देश के टैलेंट का सम्मान

– एलन टैलेंटेक्स अवार्ड सेरेमनी एवं सक्सेस पॉवर सेशन

– स्टूडेंट्स को 2.5 करोड़ के कैश प्राइज एवं 250 करोड़ तक की एलन फीस में 90 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप

कोटा. एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आयोजित देश की बड़ी प्रतिभा खोज परीक्षाओं में से एक टैलेंटेक्स का पुरस्कार वितरण समारोह व सक्सेस पॉवर सेशन रविवार को हुआ। जवाहर नगर स्थित एलन समुन्नत कैम्पस के समरस सभागार में हुए इस कार्यक्रम में देशभर से मेधावी विद्यार्थी व उनके अभिभावक शामिल होने कोटा पहुंचे। कार्यक्रम में कक्षा 5 से 10वीं तक के टॉपर्स को ढ़ाई करोड़ रूपए के कैश प्राइज दिए गए। मुख्य अतिथि बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मैडल विजेता पद्मभूषण अभिनव बिन्द्रा रहे तथा निदेशक राजेश माहेश्वरी व डॉ.बृजेश माहेश्वरी भी मौजूद रहे। अतिथियों ने टॉपर्स का सम्मान किया। टैलेंटेक्स के माध्यम से एलन में 20 दिसंबर तक प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को 250 करोड़ की स्कॉलरशिप के साथ-साथ फीस में विशेष छूट का दोहरा लाभ भी दिया जा रहा है।

कार्यक्रम में अभिनव को अपने बीच पाकर स्टूडेंट्स काफी उत्साहित नजर आए। प्रतिभाओं को मेडल, प्रमाण पत्र, पुरस्कार का चेक व अवार्ड शीट देकर पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में प्री नर्चर कॅरियर फाउंडेशन (पीएनसीएफ) के विद्यार्थियों ने नवदुर्गा की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही एक्रो एनिग्मा की टीम ने बैलेंसिंग की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। जो कि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। सक्सेस पॉवर सेशन में एलन की कार्यप्रणाली और टैलेंटेक्स के माध्यम से अपने सपने सच करने वाले विद्यार्थियों के बारे में बताया गया।

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पद्मभूषण अभिनव बिंद्रा एलन में पहले जवाहर नगर स्थित सत्यार्थ कैम्पस में स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे और यहां स्टूडेंट्स से बात की। उन्होंने अपना लक्ष्य निर्धारित करने, खेल और खिलाड़ियों का सम्मान के साथ कोच और खिलाड़ी के बीच के रिश्तों के बारे में समझाया। इसके बाद टैलेंटेक्स कार्यक्रम में पहुंचे।

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ढाई करोड़ के कैश प्राइज से नवाजा
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा स्टूडेंट्स को सक्सेस पॉवर सेशन में नेशनल व स्टेट रैंक के साथ ही 2.50 करोड़ के कैश प्राइज दिए गए। टैलेंटेक्स में कुल 15 हजार 250 कैश प्राइज दिए गए। इस वर्ष टैलेंटेक्स परीक्षा ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों मोड में आयोजित की गई थी। टैलेंटेक्स में कक्षा 8, 9 एवं 10 टॉपर्स को 1 लाख, कक्षा 5, 6 एवं 7 के टॉपर को 50 हजार रूपए का पुरस्कार दिया गया है। इस वर्ष टैलेंटेक्स में कक्षा 10 के टॉपर रहे एलन के स्टूडेंट प्रणीत माथुर ने हाल ही में आईजेएसओ में गोल्ड मैडल हासिल किया है, जबकि जेईई एडवांस्ड 2024 में ऑल इंडिया टॉपर रहे वेद लाहोटी एवं नीट यूजी 2022 में ऑल इंडिया टॉपर रही तनिष्का भी टैलेंटेक्स के माध्यम से एलन से जुड़ी और एलन के मार्गदर्शन में तैयारी कर अपना सपना सच कर दिखाया।

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खेल फेल्योर सीखाता है, यहीं सफलता की शुरुआत होती हैः बिन्द्रा
अभिनव बिंद्रा ने बातचीत के दौरान कहा कि फेल्योर से सीख लेकर भविष्य में सफलता पाई जा सकती है। एक खिलाड़ी और पढ़ाई कॅरियर की शुरुआत काफी हद तक एक जैसी होती है। बहुत मेहनत और फोकस रहना खिलाड़ी और स्टूडेंट दोनों के लिए जरूरी होता है। इस दौरान आपका फेल्योर ही आपको सिखाता है। मैंने भी अपनी असफलताओं से सीख लेकर ही सफलता पाई है। मैं अपने फेल्योर से सीखकर ही ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत पाया। अभिनव बिंद्रा ने स्टूडेंट्स से कहा कि असली सफलता आपकी हैप्पीनेस है। हर काम करने में मन लगाओ। खेलते हो तो मन से खेले और रोज अपना बेस्ट देने की कोशिश करो। कम्पीटिशन मत देखो रोज अपना बेहतर काम करो, जब आपको अपने काम में खुशी मिलेगी तो वही सफलता की तरफ ले जाएगी।

स्टूडेंट्स के सवाल पर उन्होंने कहा कि इमोशन को दबने मत दो, क्योंकि वो रहेगा तो आपका बार-बार ध्यान भटकेगा। बातचीत करो, माता-पिता से, दोस्तों से और शेयर करो। इससे आप मस्त रहना सीखेंगे और तभी ध्यान लगाकर कोई काम करना सीखेंगे।

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रिश्ते बनाएं, अनुशासित रहें
खेल में कोच से रिलेशन पर भी आपकी सफलता निर्भर करती है। इसी तरह पढ़ाई और हर क्षेत्र में जो आपके कोच हैं, जो आपके दोस्त खिलाड़ी या आपके प्रतिस्पर्द्धी सभी से आपका व्यवहार होना चाहिए। अपने कोच की बात पर ध्यान देते हुए खुद को बेहतर बनाने के लिए अनुशासन में रहते हुए उन्हें फोलो करें।
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टैलेंटे के साथ हार्डवर्क जरूरी
उन्होंने कहा कि टैलेंटे के साथ हार्डवर्क जरूरी है। पढ़ाई में कॅरियर बनाना अच्छी बात है। आप सभी कुछ सोचकर कोटा में पढ़ रहे हैं। किसी भी कॅरियर में जाएं लेकिन कोई न कोई स्पोर्ट्स से जरूर जुड़े रहें। क्योंकि स्पोर्ट्स जो सीखाता है वो शायद कहीं सीखने को नहीं मिलता। कुछ देर ही खेलें लेकिन जरूर खेलें। मेंटल स्ट्रेस को स्वीकार करने से परिणाम को लेकर आपकी चिंता बहुत कम हो जाएगी और परफॉर्मेंस बेहतर हो जाएगा। गोल्ड मेडलिस्ट बिंद्रा ने कहा कि अपने आप को बेहतर करने का सबसे अच्छा जरिया खुद को कंफर्ट जोन से बाहर निकालना होता है।
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हर हार से सीखें
मैं एथेंस ओलंपिक में बहुत खराब खेला, लेकिन जब अध्ययन किया तो पता चला कि जिस बेस पर मैं खडा था, वो हिल रहा था, इसलिए निशाने अच्छे नहीं लगे। हमें हर हार का एनालिसिस करना चाहिए ताकि खुद को बेहतर बना सकें। परिस्थितियों के अनुरूप बदलाव ला सकें।
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स्वयं के प्रति ईमानदार रहें
बिंद्रा ने कहा, आपको खुद के प्रति बेहद ईमानदार रहना होगा और हर रोज सोने से पहले खुद को आईने में देखना होगा और खुद से पूछना होगा, क्या मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया ? यदि उत्तर हां है तो आप पाएंगे कि आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे और यदि ना है तो आपको खुद में सुधार करने की आवश्यक्ता है।

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