
-देवेंद्र यादव-

“हम साथ हैं, डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं, बटेंगे नहीं, लड़ेंगे और जीतेंगे”। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद, 25 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक के बाद 26 अप्रैल को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जम्मू कश्मीर गए और वहां से संदेश दिया हम सब एक हैं। डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं और बटेंगे नहीं। एकजुट रहेंगे, लड़ेंगे और जीतेंगे। जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह के तुरंत दौरे के बाद देश के दूसरे बड़े नेता राहुल गांधी का कश्मीर दौरा हुआ। जिसने साबित किया कि देश नाजुक घड़ी में एकजुट और एक साथ है। राहुल गांधी कश्मीर की धरती पर उतरने के बाद सीधे आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों को देखने अस्पताल पहुंचे।
राहुल गांधी ने घायलों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से बात की। राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के अलावा स्थानीय लोगों से भी मिले। शाम को राहुल गांधी ने कैंडल मार्च में भाग लिया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर 1971 और श्रीमती इंदिरा गांधी को याद करते हुए लोग पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात करते हुए दिखाई दिए। जब सोशल मीडिया पर इंदिरा गांधी को लोग याद कर रहे थे उसी समय इंदिरा गांधी के पोते राहुल गांधी कश्मीर पहुंच गए और वहां से संदेश दिया कि हम सब एक हैं। डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं और बटेंगे नहीं। लड़ेंगे और जीतेंगे। राहुल गांधी ने कश्मीर के भीतर जाकर जो संदेश दिया, उस संदेश ने देश के करोडों देशवासियों का हौसला बढ़ाया। जिसकी प्रशंसा करते हुए देशवासियों को देखा जा रहा है। इस नाजुक घड़ी में सारा देश एकजुट है और यह एक जुटता ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। इस ताकत के दम पर भारत ने 1971 और कारगिल का युद्ध जीता था। फिर एक बार नाजुक घड़ी में देश एकजुट है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)