
कृष्ण बलदेव हाडा
देशभर में कोचिंग सिटी के रूप में अपनी अलग पहचान कायम करने वाले कोटा में एक से एक अच्छे दर्जे के कोचिंग संस्थान लेकिन यहां ऐसे निजी स्कूलों की संख्या कम नहीं है जो अपनी उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली के कारण अलग पहचान रखते है. कोटा के यह निजी विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों की मजबूत नींव तैयार करते हैं जो बाद में उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लेते समय छात्रों के लिए काफी मददगार साबित होती है। अब कोटा में शैक्षणिक स्तर की दृष्टि से सरकारी स्कूलों को भी बेहतर बनाने की दिशा में काम शुरू किया गया है. इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल कोटा से निर्वाचित नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने की है जिन्होंने राजस्थान के शिक्षा विभाग से कोटा के लगभग एक दर्जन सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम हिंदी से अंग्रेजी में परिवर्तित करवाया है.
शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में काफी सुधार
इसका मकसद यही है कि इन सरकारी स्कूलों में भी आज की आवश्यकता के अनुरूप अंग्रेजी माध्यम से विभिन्न विषयों खासतौर से विज्ञान संकाय में शिक्षा हासिल कर स्टूडेन्ट अपने को निजी स्कूलों के स्टूडेंट के समकक्ष खड़ा कर सकें.
निश्चित रूप से राज्य सरकार की नई नीति के तहत जब से सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षा का माध्यम हिंदी से परिवर्तित कर अंग्रेजी करना शुरू किया है, तब से सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में काफी सुधार हुआ है और अब बड़ी संख्या में छात्रों में इन सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने की इच्छा जागी है. अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने का छात्रों को दोहरा लाभ भी मिल रहा है। एक तो यह कि अब इन सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी भाषा में बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही है। दूसरा और सबसे बड़ा फायदा यह है कि महंगाई के इस दौर में यहां निजी स्कूलों की महंगी फीस, किताबों की तुलना में नाम मात्र की फीस पर दाखिला हो जाता है.
कोटा शहर के 11स्कूल महात्मा गांधी स्कूलों में परिवर्तित
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के आदेश पर कोटा शहर के हिंदी मीडियम के 11 सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अंग्रेजी मीडियम के महात्मा गांधी स्कूलों में परिवर्तित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने भी इसकी पुष्टि की. विभाग की ओर से बताया गया है कि अंग्रेजी माध्यम में यह महात्मा गांधी स्कूल वहां खोले गए हैं,
जहां इसके लिए समुचित संसाधन उपलब्ध है. कोटा में भीमगंजमंडी, रंगतालाब, गांवडी, कुन्हाड़ी, रामपुरा, मालवीय नगर प्रथम, सोगरिया, बोरखंडी, खेडली फाटक, पाटनपोल के हिंदी माध्यम के 11 सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों में परिवर्तित किया गया है. इन सरकारी स्कूलों को इस साल से अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में परिवर्तित करने का एक बड़ा परिणाम यह सामने आया है कि पहले ही साल बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों का यहां दाखिला करवाने पहुंचे. कुछ विद्यालय में तो इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के आवेदन आये कि सभी का दाखिला नहीं हो पाया और कई को निराश लौटना पड़ा.
फिर से इस स्कूल के पुराने दिन लौट आए
चार-पांच दशक पहले कोटा में गुमानपुरा स्थित मल्टीपरपज स्कूल में प्रवेश के लिए छात्रों में एेसी ही होड़ देखने को मिलती थी. हालांकि तब यह स्कूल हिंदी माध्यम का था, लेकिन इस स्कूल में कड़े अनुशासन और शिक्षा की उच्च क्वालिटी को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों को यहां पर पढाना पसंद करते थे.बाद के सालों में हालात बदले और इस प्रतिष्ठित स्कूल की शिक्षा का स्तर हर साल लगातार गिरता चला गया. हालात यहां तक आ पहुंचे कि इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या नगण्य रह गई लेकिन अब एक बार फिर से इस स्कूल के पुराने दिन लौट आए हैं.
अब हालत एक बार फिर से चार-पांच दशक पुरानी नजर आने लगे हैं. जब से इस स्कूल का शिक्षा का माध्यम हिंदी से बदलकर अंग्रेजी किया है, यहां प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों की लंबी कतारें लगने लगी है लेकिन सभी छात्र प्रवेश पानी में भी सफल नहीं हो पा रहे हैं. अब इस स्कूल में केवल वही छात्र प्रवेश ले पा रहे हैं, जिनका निचली कक्षाओं में हाई परसेंट के साथ रिजल्ट रहा है वरना यहां प्रवेश मिल पाना कठिन है.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तम्भकार हैं)

















