-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा संभाग में लगातार हो रही मूसलाधार बरसात के कारण कोटा शहर के कई इलाकों सहित संभाग के कुछ गांवों में जल प्लावन जैसे हालात बन गए हैं। हालांकि कहीं से किसी अप्रिय घटना के समाचार नहीं मिले हैं। कोटा और बूंदी में अगले दो दिनों तक सरकारी-गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश की घोषणा की गई है। कोटा संभाग के ज्यादातर बांध और तालाब लबालब भर गए हैं। कोटा बैराज और कालीसिंध बांध में पानी की भारी आवक को देखते हुए गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। नदी-नालों में उफान से कोटा से सांगोद, सवाई माधोपुर, मध्यप्रदेश के शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर मार्ग पर रुक-रुक कर मार्ग अवरुद्ध होने के समाचार है। कोटा में बीते 15 घंटों में करीब 9 इंच बरसात दर्ज की जा चुकी है और मंगलवार तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कोटा बैराज के 13 गेट खोले गए हैं। जिससे 4 लाख 19 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी।

कई निचली बस्तियों में जल प्लावन जैसे हालात

जलप्लावन से प्रभावित बस्तियों का दौरा करते अधिकारी। फोटो डीपीआर

मूसलाधार बरसात के कारण कोटा शहर की कई निचली बस्तियों सहित नए कोटा शहर के कुछ इलाकों में सड़कों के पानी से लबालब भर जाने के कारण जल प्लावन जैसे हालात बन गए हैं। अनंतपुरा में वन विभाग के तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर प्लॉट काटकर बनाई गई बस्ती पानी से लबालब भर गई है। किसी परिस्थिति में वहां फंसे लोगों को बाहर निकालने की स्थिति बनने की आशंका को देखते हुए प्रशासन और बचाव दल अलर्ट मोड़ पर है। पिछले 20 घंटों से लगातार हो रही बरसात के कारण कोटा शहर के महावीर नगर, केशवपुरा, दादाबाड़ी आवासीय मंडल, जवाहर नगर,तलवंडी सहित स्टेशन रोड, भीमगंजमंडी, सोगरिया, काला तालाब, सरस्वती कॉलोनी, बजरंग नगर, प्रेम नगर आदि इलाकों में मुख्य सड़कों पर पानी भर जाने के कारण शहर के कई स्थानों पर सामान्य सड़क यातायात पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कुछ इलाकों में तो सड़कों के लबालब हो जाने के कारण दरिया जैसे तेज पानी के बहाव के हालात बन जाने की वजह से हजारों लोग अपने ही घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। कुछ इलाकों में मुख्य सड़कों सहित भीतरी आवासीय क्षेत्रों की मुख्य रास्तों पर दो से तीन फीट तक पानी भर जाने की वजह से सड़कों पर खड़ी कार टायरों से ऊपर तक पानी में डूब गई है और सड़कों पर भरा पानी अपनी हदे पार कर हजारों घरों में घुस गया। लगातार बरसात होने के कारण ऐसे मकानों की संख्या अनगिनत है, जिनकी छते टपकने लगी है और घरों में रहते हुए भी लोग छतों से टपकते पानी से बचाव के लिए मजबूर हो रहे हैं।

कुछ गांवों के पानी से घिर जाने के समाचार

सूचना केन्द्र में भरा बारिश का पानी।

कोटा संभाग के चारों जिलों कोटा, बूंदी, बारां और बूंदी में लगातार सभी जगहों पर अच्छी बरसात होते रहने के कारण कुछ गांवों के पानी से घिर जाने के समाचार हैं जिनमें कोटा के नजदीक स्थित कैथून नगर भी शामिल है जहां कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है जिसके कारण वहां बचाव दल भेजे गए हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ कच्चे घरों की दीवारें भी दरक गई है, लेकिन किसी जनहानि या किसी अन्य बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है। हाडोती संभाग में चंबल, कालीसिंध, परवन, पार्वती, उजाड़, चंद्रभागा,मेज जैसी बड़ी-प्रमुख नदियों सहित उनकी ज्यादातर सहायक नदियों के जबरदस्त उफ़ान पर होने के कारण उनके किनारे बसे गांव में रहने वाले लोगों को बचाव के लिए जिला प्रशासन ने अलर्ट मोड़ पर रखा है। कोटा नगर निगम,नगर परिषदों सहित कोटा संभाग की नगर परिषदों, पुलिस, राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल, एसडीआरएफ़, दमकल, नागरिक सुरक्षा विभाग आदि के बचाव दलों को बचाव एवं राहत कार्यो में इस्तेमाल होने वाले संपूर्ण साजो-सामान के साथ चौबीसों घंटो सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

कोटा बैराज से तीन लाख 80 हजार क्यूसैक पानी की निकासी

कोटा बैराज से आज सुबह 11 बजे तक तीन लाख 80 हजार क्यूसैक पानी की निकासी शुरू कर दिए जाने के कारण कोटा शहर में कुन्हाड़ी, नयापुरा-गांवड़ी, खेड़ली पुरोहित भीमगंजमंडी इलाकों सहित कोटा व बूंदी जिलों के तटीय इलाकों के गांवों से लेकर राजस्थान में सवाई माधोपुर, धौलपुर जिले तक प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। धौलपुर जिले के तटीय इलाकों के गांवो में तो बाढ की आशंका से पिछले साल भी गांधी सागर बांध व कोटा बैराज से पानी की भारी निकासी किये जाने के कारण सेना को बुलाना पड़ा था। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर बांध सहित राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर(कोटा ड़ेम) से लगातार पानी की निकासी जारी रहने के कारण कोटा बैराज से जल निकासी आज चार लाख क्यूसैक तक पहुंचने की संभावनाएं जताई जा रही है।

जिला कलक्टर ने दिए सतर्कता बरतने के निर्देश

इस बारे में जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष सहित अन्य सरकारी विभागों को सूचनाओं के आदान-प्रदान सहित चंबल नदी के किनारे बसे इलाकों को लेकर खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। श्री बुनकर ने सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में अवकाश की घोषणा के बाद इनमें से कुछ इमारतों को रेस्क्यू सेंटर में परिवर्तित किए जाने के आदेश जारी किए हैं। ज्यादातर निजी कोचिंग संस्थानों में भारी बरसात के कारण आज सुबह की पारी में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हुआ। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल भी बरसात और कोटा के कुछ इलाकों में जल प्लावन जैसे हालात बनने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए है। श्री धारीवाल ने लोगों से भी सावचेती बरतने की अपील की है। साथ ही प्रशासन को निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच कोटा में दशहरा मेला आयोजन समिति की तैयारियों के सिलसिले में कोटा उत्तर की महापौर और मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष श्रीमती मंजू मेहरा की अध्यक्षता में आज सुबह 11 बजे आयोजित होने वाली बैठक को टाल दिया गया है।

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