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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा संभाग में बाढ़ के हालात आज तीसरे दिन भी सुधर नहीं हो पाये है। बाढ़ में फंसे लोगों के बचाव के लिए संभाग में स्थानीय प्रशासन सेना सहित केंद्र एवं राज्य के आपदा प्रबंधन दलों की मदद ले रहा है। सेना के हेलीकाप्टर की मदद से बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को निकाला गया है। बूंदी जिले के लाखेरी क्षेत्र में आज हालत बिगड़ने पर सेना की मदद मांगी गई है। इस बीच चंबल नदी के चारों बांध से आज भी पानी की निकासी जारी रहने से सवाई माधोपुर, करौली और धौलपुर जिलों में कई स्थानों पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाने के कारण कई दर्जन गांव जलमग्न हो गए हैं। इस बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने आज झालावाड़ में बारां जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।

कई गांव पानी से घिरे

संभाग के कोटा जिले में आज दूसरे दिन भी बरसात का वेग मन्द रहा लेकिन पूर्व में हुई जबरदस्त बरसात और कई बांधों से पानी की निकासी के कारण नदी-नालों के अभी भी उफान पर होने की वजह से जिले के कई गांव पानी से घिरे हुए हैं और कई गांवों एवं कस्बों का आज तीसरे दिन भी तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक संपर्क टूटा हुआ है। झालावाड़ जिले के काली सिंध बांध के अनेक गेट खोलकर पानी के लगातार निकासी किए जाने के कारण डाउनस्ट्रीम में नदी के किनारे बसे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। कोटा जिले का इटावा कस्बा लगभग जलमग्न हो गया है और वहां बाढ़ के हालात बेकाबू हो गए हैं।

इटावा नगर में मुख्य सड़कों पर नावे चल रही

इटावा नगर में बंद बाजारों में मुख्य सड़कों पर नावे चल रही है ताकि घरों में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। इटावा सहित पानी से गिरे आस-पास के गांव में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल कर आश्रय स्थलों तक पहुंचाने के लिए नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एसडीआरएफ) सहित सिविल डिफेंस, पुलिस की टोलियां सक्रिय है और नौकाओं की मदद से बचाव के संसाधनों सहित लोगों तक पहुंच रही है। इटावा के पास गेंता भी जलमग्न हो गया है।

छबड़ा, छीपाबड़ौद का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क टूटा 

कोटा संभाग के बारां जिले में वर्षा का दौर अभी भी जारी है जिसके चलते आज भी कई दर्जन गांव जलमग्न है और ल्हासी,अंड़ेरी नदियों सहित अन्य बरसाती नदी-नालों के उफान पर होने के कारण छबड़ा, छीपाबड़ौद नगरों का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क टूटा हुआ है। जिले के अटरू, कवाई, मोठपुर आदि कस्बों के बाजारों में जल प्लावन जैसे हालात रहे। ज्यादातर नगर-कस्बों में बाजार बंद पड़े हैं। छबड़ा-छीपाबड़ौद तहसील क्षेत्र में पार्वती नदी के उफान पर होने से कई तटीय गांवों को खतरे की आशंका जताई जा रही है।

सड़क यातायात नदी-नालों में उफान के कारण अवरुद्ध

छबड़ा क्षेत्र के खुरई गांव में करीब एक दर्जन लोगों को सेना के हेलिकॉप्टर की मदद से कल निकाला गया था। जिले के कई मार्गों पर सड़क यातायात नदी-नालों में उफान के कारण अवरुद्ध हैं जिनमें प्रमुख रूप से बारां एवं झालावाड़ जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला मार्ग सहित छबड़ा-छीपाबड़ोद मार्ग, जलवाड़ा-बराना मार्ग, छबड़ा-धरनावदा मार्ग शामिल है।
झालावाड़ जिला प्रशासन ने जिले में लगातार हो रही बरसात और कई स्थानों पर बाढ़ के हालात को देखते हुए शैक्षणिक संस्थाओं में अवकाश की अवधि बढ़ाकर 26 अगस्त तक कर दी है। जिले के कालीसिंध बांध में भरपूर पानी की आवक होने के कारण गेट खोलकर जल की निकासी की जा रही है जिससे निचले इलाकों के कई गांव में हालत बिगड़ रहे हैं। जिले के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में जलभराव के हालात होने के कारण फसलों के व्यापक खराबे की आशंका है।
बूंदी जिले के लाखेरी नगर में कल रात पानी घुस आने और आसपास के कई गांवों के जलमग्न होने से आज सुबह से ही सेना एवं केंद्रीय और राज्य के आपदा दलों सहित पुलिस, गृह रक्षा दल, होमगार्ड आदि के जवानों की मदद ली जा रही है। लाखेरी के पास मेज नदी के जबरदस्त उफान पर होने के कारण आसपास के कई गांव पानी से घिर जाने से सैकड़ों परिवार वहां फ़ंस गए हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिले के नैनवां क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में भी पानी भरने की सूचनाएं मिली है।

बूंदी नगर में आवासीय क्षेत्रों में पानी भर गया 

बूंदी नगर में स्थित नवल सागर, जैत सागर तालाबों के लबालब भर जाने के बाद उनका पानी आसपास के आवासीय क्षेत्रों पुलिस लाइन रोड, गुरुनानक कॉलोनी, बहादुर सिंह सर्किल, तलाई मौहल्ला, महावीर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी मालनमासी, बालाजी नगर, शास्त्री नगर आदि में पानी भर गया है। जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी लगातार बूंदी नगर और जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा करके स्थिति पर लगातार निगाह बनाए हुए हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

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