
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है जो राजस्थान के तीसरे सबसे बड़े शहर कोटा में चौबीसों घंटे जलापूर्ति करने के उनके ड्रीम प्रोजेक्ट पर अपने लापरवाही पूर्ण रवैया के कारण पानी फ़ेर देने पर आमादा है। इस विभाग के अलावा वन विभाग उन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो वन भूमि बता कर उन क्षेत्रों में पाइप लाइनें बिछाने के काम में बेवजह अड़ंगे लगाते हैं, जिन्हें श्री धारीवाल के प्रयासों से कोटा शहर की नगर निगम सीमा में शामिल किया गया था। इसमें शहर के आसपास के कुछ गांव शामिल हैं। श्री धारीवाल के निर्देश पर पहले ही कोटा नगर विकास न्यास ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर किए गए अवैध कब्जे और पक्के निर्माण कार्यों को हटा-तोड़कर शहर के विकास में बाधक बनने वाले तत्वों को कड़ा संदेश दे चुका हैं।
अभी भी लापरवाही
शांति धारीवाल के नगरीय विकास मंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल में कोटा में नगर विकास न्यास ने सकतपुरा में 130 एमएलड़ी का दूसरा वाटर फिल्टर प्लांट लगाया था ताकि पूरे कोटा को पर्याप्त दबाव से निरंतर पानी मिलता रहे लेकिन अकेलगढ़ व सकतपुरा की उत्पादन क्षमता 330 एमएलड़ी हो जाने के बावजूद जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जब कोटा शहर के लोगों व श्री धारीवाल की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया तो तीसरी बार मंत्री बनने पर श्री धारीवाल के आदेश पर नये कोटा शहर के लोगों के लिए अलग से श्रीनाथपुरम में 50 एमएलडी की क्षमता का फिल्टर प्लांट लगाने का काम शुरू हुआ जो आने वाले कुछ समय में तैयार हो जाएगा। इन प्रयासों की विपरीत विभागीय अधिकारी अभी भी लापरवाही बरत रहे थे और हर बार की तरह इस बार भी भारी वर्षा के कारण चंबल नदी के पानी में टरबीडीटी (मिट्टी घुलने) बढ़ जाने की आड़ में कोटा शहर के कई इलाकों को इन दिनों पीने के पानी से वंचित कर रखा है। एक कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता के एपीओ कर दिए जाने के बाद भी जब अन्य अधिकारी अपने हरकतों से बाहर नहीं आए तो श्री धारीवाल को आज अपने आवास पर बैठक करके शख्त हिदायत देनी पड़ी।
अधिकारियों से बैठक में की चर्चा
श्री धारीवाल ने पहली अगस्त को निजी निवास पर अमृत द्वितीय चरण योजना की डीपीआर के सम्बंध में अधिकारियों की बैठक लेकर शहर के सम्पूर्ण क्षेत्र में चौबीसों घंटे नलों से पेयजल सप्लाई की कार्ययोजना पर चर्चा की व कहा कि कोटा शहर के सभी क्षेत्रों में नागरिकों को चौबीसों घंटे शुद्व पेयजल सप्लाई हो, इसके लिए 350 करोड़ का प्रावधान अमृत द्वितीय चरण में किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में अब तक पेयजल सप्लाई से अछूते सभी क्षेत्रों को डीपीआर में शामिल किया जाये। उन्होंने पुराने शहर के क्षेत्र में वर्तमान पेयजल तन्त्र की पाइपलाइनों को बदलने तथा नए आवासीय क्षेत्रों में पेयजल सप्लाई के लिए अलग अलग क्षेत्रों में फिल्टर प्लांट स्थापना का प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर के एबीडी क्षेत्र में 250 करोड़ की डीपीआर के अनुसार प्लान बनाने तथा शेष सभी क्षेत्रों को योजना में शामिल करने के निर्देश दिए। बैठक में अमृत द्वितीय चरण की योजना की विस्तृत चर्चा कर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला कलक्टर ओपी बुनकर, पुलिस अधीक्षक (शहर) केसर सिंह शेखावत, नगर विकास न्यास के ओएसडी आरडी मीणा, सचिव राजेश जोशी सहित जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)