तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग फिर विवादों में

- अब दिव्यांग शिक्षिका को नहीं कराने दी डयूटी ज्वाइन

– प्रिंसिपल की टिप्पणी लिखा शिक्षिका का लैटर वायरल
– सोशल मीडिया पर आपबीती बताई तो किया एपीओ

जयपुर/भरतपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चहेते तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनके दबाव में एक दिव्यांग शिक्षिका को डयूटी ज्वॉइन नहीं कराने का चर्चा में है। रीट परीक्षा और कर्मचारियों को डयूटी ज्वॉइन नहीं करने देने जैसा विवादों से डॉ. गर्ग का पुराना नाता रहा है। भरतपुर में घूस लेते पकड़े गए चहेते चिकित्सक को एसीबी की गिरफ्त से रात को घर भिजवाने और कोरोना काल में एक निजी अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेण्डर दिलाने जैसे उनके कारनामे जगजाहिर हो चुके हैं। इस बार भी मामला उनके गृह क्षेत्र से जुड़ा है, जिसको लेकर उनका विरोध भी हो रहा है।

यह है मामला

बयाना से तबादला होकर 10 अगस्त को गांव महाराजसर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में डयूटी ज्वॉइन करने पहुंची दिव्यांग शिक्षका सुनीता तेहरिया को प्रिंसिपल हेमचंद गोयल ने ना केवल डयूटी ज्वॉइन कराने से इनकार कर दिया, बल्कि उसके ज्वॉइनिंग लैटर पर टिप्पणी भी लिख डाली। पीडि़ता ने आपबीती सोशल मीडिया पर बताई तो निदेशक ने उसे एपीओ कर डाला। उसका तबादला व्याख्याता गिरधारीलाल सिंह के स्थान पर हुआ।

पीडि़ता का यह भी आरोप

पीडि़ता का यह भी आरोप है कि पहले तो प्रिंसीपल ने ज्वॉइनिंग लैटर और अन्य दस्तावेज ले लिए और ज्वाइनिंग भी करा दी, लेकिन कुछ देर बाद पीडि़ता को कहा कि आपकी ऑनलाइन ज्वाइनिंग होनी है। शाला दर्पण बंद है। ओटीपी नहीं आ रहा है। उसके बाद प्रिंसीपल ने कहा कि अभी मंत्री डॉ. गर्ग का फोन आया था, उन्होंने आपको कार्यग्रहण नहीं कराने के आदेश दिए हैं। इसलिए आपको कार्यग्रहण कराया जाना संभव नहीं है।

यह लिखा प्रिंसिपल ने

पीडि़ता ने प्रिंसीपल से लिखित में मांगा तो प्रिंसिपल ने उसके ज्वॉइनिंग लैटर पर लिखा कि माननीय मंत्री जी डॉ. सुभाष गर्ग के दूरभाष से प्राप्त निर्देशानुसार उनकी अनुमति के बिना कार्यग्रहण नहीं करवाने हेतु निर्देश प्राप्त हुए हैं। अत: उनकी अनुमति के बिना कार्यग्रहण करवाया जाना संभव नहीं है।

आरोप गलत, खुद ग्रामीण आकर मिले

– महाराजसर के ग्रामीण मुझे आकर मिले हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में कार्यरत शिक्षक बहुत अच्छी तरह पढ़ाई करा रहा था। बाकी महिला शिक्षक का मुख्यालय भी भरतपुर ही कराया है। मेरे लिए तो सभी शिक्षक समान है। बाकी महिला शिक्षक की समस्या का भी समाधान कराया जाएगा।
डॉ. सुभाष गर्ग, राज्यमंत्री

मंत्री का आदेश तबादलों में दखल

– महिला अध्यापिका को कार्यग्रहण नहीं करने का आदेश मंत्री द्वारा स्थानांतरण मामले में दखल है। राज्यमंत्री डॉ. गर्ग पर पहले भी ट्रांसफर मामलों के साथ रीट पेपर लीक प्रकरण में आरोप लग चुके हैं। मंत्रियों व कांग्रेस के विधायकों ने ट्रांसफर कराने की दुकान खोल रखी है। इसमें मुख्यमंत्री की मौन स्वीकृति है। इस मामले में मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि डॉ. गर्ग महिला अध्यापिका के कार्यग्रहण को कौनसे कानून के आधार पर रोक सकते हैं।
भजनलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री भाजपा

हां, एपीओ होने का पता है

– महाराजसर स्कूल के प्रिंसीपल हेमचंद गोयल और व्याख्याता सुनीता तेहरिया के बीच विवाद की मुझे जानकारी नहीं है। हां इतना जरूर पता है कि व्याख्याता सुनीता तेहरिया को एपीओ कर दिया गया है। अगर कोई विवाद हुआ तो उसकी जांच की जाएगी।
प्रेमसिंह कुंतल, डीईओ माशि मुख्यालय

महिला के समर्थन में करेंगे आंदोलन

-दिव्यांग महिला शिक्षक के साथ राज्यमंत्री ने गलत किया है। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिक्षक संघ महिला शिक्षक के समर्थन में आंदोलन के लिए विवश होगा।
पवन शर्मा
प्रदेश मंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत

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