पटना। बिहार में सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले को लेकर बुधवार सुबह कई जगह छापे मारने की कार्रवाई शुरू की। ये छापे ऐसे समय पर मारे जा रहे हैं जब महागठबंधन नीत नीतीश कुमार की सरकार बुधवार को विश्वास मत हासिल करने वाली है। ऐसे में राजद नेता इन छापों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं और इसे राजनीतिक छापे बता रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राजद के चार नेताओं के यहां छापे मारे जा रहे हैं। इनमें एक सांसद व एक एमएलसी के यहां भी छापे की बात कही जा रही है। करीब 24 ठिकानों पर छापेमारी की खबरें हैं। राजद नेताओं में छापों को लेकर गहरा रोष है और इन्हें राजनीतिक छापे करार दिया है। इस मामले में सीबीआई ने तीसरी बार बिहार में छापेमारी की है। इससे पहले राजद के पूर्व विधायक और लालू यादव के ओएसडी भोला यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने छापों को लेकर कहा कि इसे ईडी, आईटी या सीबीआई का छापा कहना गलत है। यह भाजपा के छापे है। आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि यह छापेमारी भाजपा के इशारे पर जानबूझकर कराई गई है। इसका कोई मतलब नहीं है। ये लोग यह सोचकर ऐसा कर रहे हैं कि छापेमारी के डर से कुछ विधायक उनके साथ आ जाएंगे।
ईडी ने की झारखंड में छापेमारी
दूसरी ओर झारखंड में ईडी छापेमारी कर रही है। छापे रांची समेत कई ठिकानों पर मारे जाने की खबरें हैं। यहां छापेमारी अवैध खनन घोटाले को लेकर की गई है। करीब 17 ठिकानों पर छापेमारी की खबर है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यहां अवैध खनन और जबरन वसूली के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद कई छापे मारे गए हैं। ईडी ने पिछले माह भी कई जगह छापेमारे थे।

 

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