
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। झालावाड़ जिले में बने भंवरासा बांध की यह अजीब त्रासदी है कि इस बांध के दूसरे चरण का निर्माण कार्य नहीं करवाए जाने की वजह से मानसून के बाद हर साल इस बांध से लाखों क्यूसैक पानी व्यर्थ बहा दिया जाता है जबकि तब रबी की फसल के लिए किसानों को सिंचाई के लिए पानी की जरूरत होती है। दो दशक से भी अधिक समय पहले कालीसिंध नदी पर यह बांध बनाया जाना प्रस्तावित किया गया था। उसे दो चरणों में पूरा किया जाना था और इस समूची सिंचाई परियोजना से झालावाड़ व कोटा जिले के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिला था। इसी परियोजना के कोटा जिले सांगोद क्षेत्र में हजारों बीघा जमीन में सिंचाई की जाने वाली थी लेकिन राज्य सरकार के पिछले एक दशक से भी अधिक समय से बाद के दूसरे चरण को पूरा करवाने करवाना तो दूर है, शुरू करवाने में भी रूचि नहीं लेने के कारण जिले के सैकड़ों किसान परिवार सिंचाई के लिए पानी से वंचित कर दिए गए हैं।
उपयोग नहीं होने के कारण व्यर्थ बहाने को मजबूर
झालावाड़ जिले में भंवरासा बांध एक दशक से भी ज्यादा समय पहले बनकर तैयार हो गया था और इससे प्रथम चरण में बनी नहरो से सिंचाई के लिए जिले के किसानों को पानी भी दिया जा रहा है लेकिन दूसरे चरण का निर्माण कार्य ठप हो जाने से हो यह रहा है कि चूंकि इस चरण के लिए तैयार होने वाले तंत्र तन्त्र व नहरों आदि का निर्माण नहीं करवाया गया जिसके चलते पहले चरण में इस बांध से झालावाड़ जिले में बनी नहरो़ से तो उससे जुड़े किसानों को तो सिंचाई का पानी मिल रहा है, लेकिन हो यह रहा है कि दूसरे चरण में जब नहरें बनी ही नहीं तो बांध से उसकी भराव क्षमता के अनुरूप पानी आ जाने व उसके प्रथम चरण में बनी नहरों से छोड़े जाने के बाद जो पानी आधिशेष रह जाता है, उसका कोई उपयोग नहीं होने के कारण सिंचाई विभाग के अभियंता उसे व्यर्थ बहाने को मजबूर हैं जिसके कारण कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र के सैकड़ों किसान सिंचाई के लिए पानी से वंचित हैं जिसे दूसरे चरण में नहरें बनने से उनकी हजारों बीघा जमीन को उपलब्ध किया जाना लेकिन इस पानी को व्यर्थ बहाया जा रहा है।
इच्छाशक्ति का अभाव
इस बारे में पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान में कोटा जिले की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की वर्ष 2013 से ही भंवरासा बांध के दूसरे चरण का काम शुरू करवा कर पूर्ण करवाने में इच्छाशक्ति का अभाव है जिसकी वजह से दूसरे चरण का काम अधूरा ही रह गया। ईस्ट्र्न रिवर कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) का जिक्र करते हुए। भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे एक पत्र में कहा कि नौनेरा में 1000 करोड़ रुपए की राशि खर्च करके बनाए जा रहे हैं बैराज का काम अगले वर्ष 2023 में पूरा हो जाएगा लेकिन कालीसिंध नदी पर भंवरासा बांध के दूसरे चरण का काम पूरा करवाने में राज्य सरकार के स्तर पर कोई रुचि नहीं ली जा रही है जबकि इस पर 1000 करोड़ रुपए की लागत आने वाली है। यह सांगोद विधानसभा क्षेत्र के किसानों के साथ घोर अन्याय है। भरत सिंह कुंदनपुर ने आरोप लगाया कि झालावाड़ जिले की झालरापाटन विधानसभा सीट से विधायक नहीं चाहती कि इस बांध के दूसरे चरण का काम पूरा हो क्योंकि उनकी विधानसभा क्षेत्र के कुछ गांवों का इलाका डूब क्षेत्र में आने की आशंका है।
मतदातों की नाराजगी की आशंका के चलते वे यह दबाव बनाए हुए है कि भंवरासा बांध के दूसरे चरण के काम को मंजूरी ही नहीं मिले लेकिन भरत सिंह ने कहा कि यह कोटा जिले के सांगोद विधानसभा क्षेत्र के किसानों के साथ घोर अन्याय है।इसका वे प्रारंभ से ही विरोध करते रहे हैं और उनका यह विरोध जारी रहेगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)