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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज कहा कि भारत अब केवल रक्षा उत्पादों का आयात करने वाला ही देश नहीं रह गया है बल्कि वह अपने यहां उत्पादित रक्षा उत्पादों को विश्व के अन्य कई देशों में बेच रहा है। श्री भट्ट ने आज कोटा में आज एमएसएमई कॉन्क्लेव और एग्जीबिशन के उद्घाटन के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा उत्पाद निर्यात के मामले में भारत की उपलब्धि यह है कि पिछले पांच सालों में देश की विभिन्न कंपनियों ने साढ़े 38 हजार करोड रुपए के रक्षा उत्पादों का कई देशों में निर्यात किया और आने वाले सालों में निश्चित रूप से यह निर्यात बढ़ने ही वाला है।

श्री भट्ट ने कहा कि भारत रक्षा उत्पादक के साथ निर्यातक देश के रूप में विश्व मानचित्र पर अपना नाम अंकित करवा चुका है। एक सर्वे के मुताबिक भारत  25 शीर्ष रक्षा उत्पाद निर्यात करने वाली कंपनियों में शामिल हो गया है।
श्री भट्ट ने स्पषट किया कि एमएसएमई और रक्षा मंत्रालय की कंपनियां में जो ज्यादा अच्छा उत्पाद तैयार करेगी, उसको ही आपूर्ति का अवसर मिलेगा। सर्वे के अनुसार बीते मोदी सरकार के सात सालों के शासन में 38 हजार 500 करोड़ रुपए के रक्षा उत्पादों का निर्यात कर भारत विश्व की प्रमुख 25 रक्षा उत्पाद निर्यात कंपनियों में शामिल हो चुका है।
श्री भट्ट ने कहा कि ओम लिंगला की सबसे ऊंची चोटी पर सड़क बना कर भारत ने गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवाया है और सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं। सिक्किम और लद्दाख में भी ऊंचाई पर पुल बनाये है। अटल टनल जैसी टनल बनाकर हर दिन करीब 7 करोड़ रुपए की बचत की जा रही है. डीआरडीओ ने मानवरहित जहाज बनाया। एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल बनाई है, जिसे हेलीकॉप्टर से लांच किया है।

रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (रक्षा उत्पाद) संजय जाजू ने कहा कि रक्षा उत्पाद का निर्यात 8 गुना बढ़ गया है। हालांकि अभी भी रक्षा उत्पादों की एक लाख करोड़ रुपये की सालानी खरीद हो रही है। आज भी हम वे रक्षा उत्पाद विदेशों से क्रय कर रहे हैं, जिन्हें यहां की स्टार्टअप कंपनी उपलब्ध करवा सकती हैं इसीलिए यह एमएसएमई कॉन्क्लेव और एग्जीबिशन आयोजित की गई है। बीते 4 साल पहले ही इनोवेशन एंड डिफेंस एक्सीलेंस प्रोग्राम शुरू किया गया था जिसने 4 सालों में 150 से ज्यादा प्रोजेक्ट पर काम किया है। स्टार्टअप का एक पूरा नेटवर्क तैयार हो गया है। इनमें से कुछ कंपनियां डिफेंस की यूनिकॉर्न के तौर पर उभर सकती हैं। कोटा की कुछ इंडस्ट्री को भी इस एग्जीबिशन के जरिए यहां के एमएसएमई सेक्टर से जुड़ने की कोशिश की है। भारत सरकार ने नितियों में बदलाव किया है जिसके तहत कुछ रक्षा उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी गई है जो साफ संकेत है कि यह सामान भारतीय कंपनियां बनाएं ताकि उसे जरुरत के मुताबिक देश से ही खरीदा जाएगा।

इसके पहले केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट आज सेना के हेलीकॉप्टर से कोटा पहुंचे। हवाई अड्डे पर कोटा जिले के प्रशासनिक अधिकारियों, सेना एवं पुलिस अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा क्षेत्र में कई कंपनियां रक्षा जरूरतों को पूरा करने संबंधित उत्पादों को बनाती है जिन्हे एमएसएमई सेक्टर के प्रतिष्ठान खरीदते हैं। ऐसी इकाइयां इस प्रदर्शनी में अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही है।
इसके लिए अलावा यहां आर्टिलरी गन,मशीनगन, स्नाईपर गन बीएमपी-2 टैंक जैसे हथियारों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में रक्षा उत्पाद करने वाली विश्व की कई नामी-गिरामी कंपनियां भी भाग ले रही हैं।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनी के उद्घाटन के तुरंत बाद प्रदर्शनी स्थल पर इंटरएक्टिव सेशन का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय रक्षा उद्योग और एम एसएमई की रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में योगदान पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
शाम को एग्जीबिशन प्रदशनी स्थल पर ड्रोन लाइव शो और लाइव कंसर्ट का आयोजन किया गया।

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