द ओपिनियन डेस्क
नई दिल्ली। तय कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव 21 अगस्त से 20 सितम्बर के बीच होने हैं। ऐसे में राजनीतिक हलकों में सह सवाल तैर रहा है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा? क्या कोई नया चेहरा सामाने आएगा या सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष से स्थायी अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगी। उम्मीद है अगले महीने तक इस सवाल का जवाब मिल जाएगा। अब जो भी अध्यक्ष बनेगा उसके सामने 2024 में पार्टी को लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर फिर से प्राण फूंकने की जिम्मेदारी होगी। गैर गाधी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में इन दिनों जिन लोगों की नामों की चर्चा है उनमें सबसे उपर नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है। लेकिन गहलोत खुद इस बात को कई बार साफ कर चुके हैं कि वह पार्टी अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल नहीं है। वह राहुल गांधी को को पुनः पार्टी की बागडोर सौंपने की हिमायत करते रहे हैं। तो क्या राहुल पाटीै की बागडोर फिर से संभालेंगे? राहुल ने अभी तक इस तरह का कोई संकेत नहीं दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कांग्रेस नेताओं की आशंका यह है कि किसी गैर गांधी के पार्टी की बागडोर संभालने पर पार्टी कहीं टूटकर बिखर न जाए। उनको लगता है कि पार्टी को तब एकजुट रखना आसान नहीं होगा। हाल के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कमान प्रियंका गांधी के हाथों में थी लेकिन वहां पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा । इसलिए उनके नेतृत्व में किसी चमत्कार की उम्मीद शायद आम कांग्रेस जन को भी नहीं हैै। ऐसे में राहुल भी इनकार कर देते हैं तो फिर विकल्प सोनिया गांधी या फिर कोई गैर गांधी चेहरा ही बचता है।
हालांकि राहुल को मनाने के कोशिशें जारी हैं। अब देखना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटियां इस पर क्या रुख अपनाती है। क्या वे प्रस्ताव पारित कर राहुल से पद संभालने का अनुरोध करेंगी और अंततः राहुल को पद संभालना पड़ जाएगा क्या फिर कांग्रेस क्या कोई नया चेहरा मैदान में लेकर आएगी। जो भी होगा राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत की उसमें अहम भूमिका होगी। हाल के कांग्रेस के घटनाक्रम में गहलोत अग्रिम मोर्चे पर रहे हैं।