
-दोनो देश रक्षा सहयोग को और करेंगे मजबूत
-द ओपिनियन-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्रा के प्रथम चरण में ब्रुनेई का दौरा पूरा कर सिंगापुर चले गए हैं। ब्रुनेई में उन्होंने बुधवार को सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा और समुद्री सहयोग को बढ़ाने का फैसला किया। दोनों नेताओं ने इसके अलावा भी दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान आपसी हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात की गई। मुलाकात के बाद दोनों देशों ने संयुक्त बयान में कहा कि वह नौपरिवहन और उड़ानों की स्वतंत्रता को कायम रखेंगे। साथ ही रक्षा और समुद्री सहयोग को बढ़ाएंगे। संयुक्त बयान में कही गई यह बात बहुत अहम है। यह बात चीन के लिए स्पष्ट संकेत है। हिंद प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ती जा रही है। इससे चीन के पड़ोसी देश खासकर दक्षिण चीन सागर के सीमावर्ती देश बहुत परेशान हैं। फिलीपींस के साथ तो चीन की आई दिन तकरार होती रहती है। भारत इस बात का पक्षधर है कि दक्षिण चीन सागर में परिवहन अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार होना चाहिए। लेकिन चीन संपूर्ण चीन सागर पर दावा करता है और मुक्त परिवहन में बाधा डालता है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता की वजह से चीन से सावधान व सतर्क रहने की बात कही जाती है। चीन की ऐसी आक्रमकता का भारत लद्दाख सीमा पर भी सामना कर रहा है। इसलिए पीएम मोदी की हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ संबंध व सहयोग बढ़ाने की नीति के तहत ब्रुनेई यात्रा हुई है। ब्रुनेई दक्षिणा चीन सागर के पास स्थित है। इस दृष्टि से यह छोटा देश बहुत अहम है।
पीएम मोदी मंगलवार को ब्रुनेई की यात्रा पर पहुंचे थे। बाद में वे ब्रुनेई की मस्जिद देखने गए। जहां उनका स्वागत ब्रुनेई के धार्मिक मामलों के मंत्री ने किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर उनके स्वागत के लिए भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की।

ब्रुनेई में लगभग 14000 भारतीय प्रवासी रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या डॉक्टर और शिक्षकों की है। भारतीयों ने ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था और समाज में अपने योगदान के लिए सम्मान प्राप्त किया है। इससे पहले पीएम मोदी मोदी का सुल्तान बोल्किया ने अपने निवास इस्ताना नुरुल इमान में स्वागत किया।