-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिएघर-घर जांच एवं रेंड़म सेंपलिंग बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।
आज जारी एक नई गाइड लाइन में वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए रेंडम सेंपलिंग बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय की ओर से राज्य के सभी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को जारी किए गए की गई इस नई गाइडलाइन में कहा गया है कि चिकित्सालय के बाह्य जांच विभाग (ओपीड़ी) में आने वाले संदिग्ध मरीजों की कोरोना वायरस से संक्रमण के जांच के लिए सैंपल लिये जाए और बाह्य जांच विभा में एसएआरआई रोगियों की पृथक से पहचान कर इलाज की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए।
गाइड लाइन में कहा गया है कि विश्व के कई देशों यथा चीन,रिपब्लिक ऑफ कोरिया, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील में कोविड़-19 के संक्रमण में आकस्मिक वृद्धि को देखते हुए यह निर्देश जारी किए गए हैं।
गाइड लाइन में कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों,बस स्टैंडों, विद्यालयों, सब्जी मंडियों और अन्य भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रेंडम सेंपलिंग की जाकर कोरोना वायरस के नमूने लिये जाए और जांच में संक्रमित पाए जाने वाले रोगियों के इलाज की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाए। गाइड लाइन में यह भी कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकारों की ओर से पूर्व में जारी सभी दिशा-निर्देशों के तहत स्क्रीनिंग, सैंपल कलेक्शन, रेंडम सेंपलिंग, उपचार-डिस्चार्ज संबंधी निर्देशों की पालना को सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक संस्थान में गठित रैपिड रेस्पांस टीम को कार्यशील बनाया जाए।
गाइड लाइन में जिला कलक्टरों की अध्यक्षता में अन्य विभागों जैसे पुलिस, पंचायती राज,महिला एवं बाल विकास, स्वायत्तशासी निकायों, आयूष, आइएमए आदि से अंतरविभागीय समन्वय स्थापित करके समय-समय पर आवश्यकतानुसार कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण के उपायों की समीक्षा की जाए। अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए और घर-घर सर्वे कर कोविड-19 वायरस व अन्य मौसमी बीमारियों का पता लगाने के लिए सैंपलिंग की जाए व मरीजों के इलाज की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए। साथ ही कोविड-19 के संबंध में प्रचार-प्रसार कर लोगों में जागरूकता का संदेश दिया जाए और सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाए।