
-कृष्ण बलदेव हाडा –

कोटा। मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में पिछले सप्ताह के मध्य से हो रही भारी वर्षा के कारण गांधी सागर बांध में पानी की जबरदस्त आवक होने से चंबल नदी पर बने चारों बांधों के गेट सोमवार को खोल दिए गए।
कोटा संभागीय मुख्यालय पर मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में चंबल नदी पर बने सबसे बड़े 1312 फीट की भराव क्षमता वाले गांधी सागर बांध में राज्य के मालवा अंचल की तेज हवा के कारण मानसून के मौजूदा सत्र में पहली बार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी जो सोमवार को भी जारी रही, लेकिन सोमवार शाम तक पानी की आवक और अधिक बढ़ जाने कारण गांधी सागर बांध से 2.75 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है, लेकिन जिस तेजी से बांध के जल ग्रहण क्षेत्र से पानी की आवक बढ़ रही है, उसे देखते हुए गांधी सागर बांध से पानी की निकासी को और अधिक बढ़ा जा सकता है।
गांधी सागर बांध से पानी की निकासी शुरू होने के बाद इसके डाउनस्ट्रीम में स्थित राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज से भी पानी की निकासी प्रारंभ कर दी गई है। चम्बल नदी के दूसरे बड़े बांध राणा प्रताप सागर से गांधी सागर से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा के अनुरूप पानी की निकासी की जा रही है जिसे देर रात तक तीन लाख क्यूसेक तक बढ़ाए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
कोटा में भी कोटा बैराज से सोमवार रात को डेढ लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी की निकासी की जा रही थी जिसे मध्यरात्रि के बाद साढ़े तीन लाख क्यूसेक तक बढ़ाए जाने की संभावना व्यक्त की गई है। कोटा बैराज से पानी की भारी निकासी को देखते हुए कोटा में बैराज के निचले तटीय आवासीय बस्तियों के निवासियों को हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। कोटा में विश्व स्तरीय चंबल रिवर फ्रंट के लोकार्पण के बाद यह पहला अवसर है जब कोटा बैराज से इतने बड़े पैमाने पर पानी की निकासी की जा रही है। हालांकि कोटा बैराज से से छोड़े जाने वाले पानी से बचाव के लिए सुरक्षा दीवार खड़ी की गई है।