
-राजेन्द्र सिंह जादौन-
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा 67उम्मीदवारों की पहली सूची के जारी किए जाने के बाद पार्टी में शुरू हुई बगावत के चुनाव परिणामों पर असर का आकलन कर नेतृत्व उम्मीदवारों को बदलने का फैसला कर सकता है। बगावत के असर के मद्देनजर सोनीपत,हिसार, बवानी खेड़ा और इंद्री के उम्मीदवार बदले जा सकते है।
बीजेपी में बगावत की स्थिति अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों जैसी नहीं है। हरियाणा में छोटी-छोटी विधानसभाएं हैं, जहां किसी छोटे कार्यकर्ता के बागी होने का भी असर सीधे जीत और हार पर पड़ता है.। लेकिन, बीजेपी के इन बागी नेताओं की राजनीतिक हैसियत का बारीकी से आंकलन करते हैं तो 20 में से 4 नेता ही ऐसे नजर आते हैं, जो भाजपा का नुकसान करेंगे।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के चुनाव के लिए बीजेपी ने बुधवार को 67 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। लेकिन यह सूची जारी होने के बाद से बीजेपी में भयंकर असंतोष सामने आया है। सभी राज्यों में विधानसभा चुनावों के मौकों पर टिकट बंटवारे को लेकर पार्टियों में बगावत होती ही है। इस तरह की बगावत से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही को जूझना पड़ता रहा है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी बीजेपी को बड़े पैमाने पर टिकट बंटवारे को लेकर बगावत हुई थी।हरियाणा में बीजेपी को जो स्थिति है वह मध्य प्रदेश या राजस्थान जैसी नहीं है। दूसरी बात यह भी है कि हरियाणा में छोटी-छोटी विधानसभाएं हैं जहां किसी छोटे कार्यकर्ता के बागी होने का असर सीधे जीत और हार पड़ता है। इस लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी के लिए यह बडा झटका है।

















