कोटा की सुभाष लाइब्रेरी का फ़िर से निखर गया ऐतिहासिक स्वरूप

सुभाष लाइब्रेरी के पास आस्था के बडे केन्द्र शीतला माता मंदिर परिसर को भी मार्बल, जोधपुर, बांसवाडा स्टोन की खूबसूरत छतरियां, जालियों को निर्मित कर मंदिर के परिसर को हैरिटेज लुक देकर भव्य रूप दिया गया है।

subhas laibreri
स्टेशन क्षेत्र में स्थित सुभाष लाइबेरी

-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की कोटा शहर की पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को उनका पुराना वैभव और सौंदर्य लौटाने की दृष्टि से जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य करवाने के निर्देशों के अनुरूप शहर में भीमगंजमंडी इलाके के रेलवे स्टेशन के बिल्कुल नजदीक स्थित प्राचीन सुभाष लाइब्रेरी का जीर्णोद्धार कर उसका भव्य तरीके से कोटा नगर विकास न्यास ने सौंदर्यकरण किया है जो अब कोटा के ही नहीं बल्कि यात्री गाड़ियों से बाहर से यहां पहुंचने वाले यात्रियों के लिए आकर्षण का एक मुख्य केंद्र बनेगा।

कृष्ण बलदेव हाडा

हैरिटेज लुक दिया

कोटा के रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित सुभाष लाइब्रेरी जीर्णर्शीण हो गई थी लेकिन अब फ़िर से उसको हैरिटेज लुक देकर नगर विकास न्यास ने आकर्षक और भव्य इमारत का रूप दिया है। सुभाष लाइब्रेरी के पास आस्था के बडे केन्द्र शीतला माता मंदिर परिसर को भी मार्बल, जोधपुर, बांसवाडा स्टोन की खूबसूरत छतरियां, जालियों को निर्मित कर मंदिर के परिसर को हैरिटेज लुक देकर भव्य रूप दिया गया है। नगर विकास न्यास के सचिव ने बताया किया की नगरीय विकास मंत्री मंत्री के निर्देश पर इस इमारत लोगों के आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है। यहां करीब 1.75 करोड़ रुपए की लागत से भवन का नवीनीकरण किया गया है। पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनने वाली इस इमारत में कलात्मक स्टोन वर्क, फसाड कार्य किया गया है। इमारत की ऐतिहासिक छतरी का सौंदर्यीकरण का कार्य के साथ तोड़िया,कॉलम खिडकी , दरवाजे को आकर्षक, जोधपुर स्टोन से कलात्मक स्वरूप देकर निखारा गया है। इसके साथ ही आकर्षक लाइटिंग भी की गई है। कोटा में आने वाले पर्यटकों के लिए इमारत आकर्षण का केंद्र बनेगी।

वाचनालय में लगभग एक हजार पाठक प्रतिदिन आते थे

कोटा के स्टेशन क्षेत्र में तात्कालीन नगर परिषद ने सन् 1966 में रानी जी की धर्मशाला के समीप सुभाष वाचनालय संचालित किया था। इस वाचनालय में लगभग एक हजार पाठक प्रतिदिन आते थे। उनको यहां सभी तरह के समाचार पत्र और पत्रिकाएं पढ़ने की सुविधा उपलब्ध उपलब्ध कराई जाती थी। सन 1993 में कोटा नगर निगम के प्रशासक एवं सिटी मजिस्ट्रेट ने इस भवन की उपयोगिता कला पर्यटन सेवाओं के लिए भी प्रारंभ किया गया। उन्होंने इस भवन के ऊपरी तल पर पर्यटक पूछताछ केंद्र स्थापित किया था जिसका उद्घाटन तत्कालीन कलक्टर ने किया था।इस केंद्र से पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निगम के महाराव भीमसिंह पुस्तकालय में कार्यरत व कोटा की ऐतिहासिक विरासत के लेखन में रुचि रखने वाले फिरोज अहमद को यहां का पर्यटन प्रभारी नियुक्त किया गया था। इस वाचनालय की इमारत पर लगी बडी घडी प्रारम्भ से ही राहगीरों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही है जो आज भी इमारत पर लगी हुई है। सन् 2006 पश्चात यह पर्यटन केन्द्र बंद कर दिया गया। अब केवल वाचनालय संचालित है।

हाडोती की कला,पर्यटन स्थलों जानकारियां दी गई

पर्यटक केंद्र के माध्यम से अनेक देशी-विदेशी पर्यटकों को हाडोती की कला,पर्यटन स्थलों जानकारियां दी गई। विशेष रूप से इस पर्यटक केंद्र पर आने वाले पर्यटकों में इंदौर की पूर्व रानी सैली होल्कर के कोटा आगमन पर उनको भी यहां की कलाओं, पर्यटन स्थलों की विशेष जानकारी दी गई। फिल्म कलाकार गूफी पेंटल (महाभारत सीरियल के मामा शकुनी फ़ेम), फिल्म अभिनेत्री मालिनी शर्मा, प्रसिद्ध चित्रकार रथिन मित्रा और निफ्ट संस्थान दिल्ली के प्रोफेसर, मुंबई से टाटा कंसल्टेंसी की टीम इसके अतिरिक्त सेना के कई अधिकारी यहां से हाडोती के पर्यटन की जानकारियां प्राप्त कर चुके हैं।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments