मालपुओं और इमरती की खुशबू से महका पाटनपोल, इनका भोग लगाकर पितरों को दी जाएगी विदाई

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पाटनपोल के मिठाई बाजार में मालपुए और इमरती बनाते कारीगर। फोटो अखिलेश कुमार

-अखिलेश कुमार-

(फोटोग्राफर एवं पत्रकार)
कोटा। पितृ पक्ष का समापन आज रविवार 25 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा। रविवार को सर्वपितृ अमावस्या के लिए हलवाई बाजार पाटन पोल में मिठाई की दुकानों पर कारीगर सुबह से मालपुए, इमरती इत्यादि बनने लगे थे। इस दिन इन पकवानों से पितरों को भोग लगाया जाता है। सुबह से ही खरीदारों की दुकानों पर भीड लग जाती है। वैसे भी हलवाई बाजार पाटनपोल में पितृ पक्ष के दौरान मिठाई की भीनी खुशबू हमेशा महसूस होती है। यहां बनने वाले विशेष मालपुओं के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

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पाटनपोल के मिठाई बाजार में दुकान पर थाल में सजे मालपुए। फोटो अखिलेश कुमार

आश्विन माह में पड़ने वाली अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या और महालय अमावस्या के नाम से जानते हैं। इस दिन पितरों के पिंडदान, तर्पण और दान आदि का आखिरी दिन होता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों को विदाई दी जाती है, जिसके बाद पितृ पक्ष का समापन हो जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पितरों को विदाई देने, विशेष पूजा-पाठ और नियमों का पालन करने से पितर प्रसन्न होकर अपने लोक को जाते हैं और वंशजों को खूब आशीर्वाद देकर जाते हैं।

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

माल पुआ और इमरती शुद्ध देशी घी से निर्मित ही , पितरों को भोग लगाने और यजमान को भोजन में परोसने योग्य होती है। आज बाजार में ,विशेषकर त्योहार के दिनों में, व्यापारी अधिक कमाई के चक्कर में मिलावटी माल, धडल्ले से निकालते हैं। ऐसे में पाटनपोल की इमरती ंंऔर मालपुआ, इससे अछूते रह सकते हैं?