
-द ओपिनियन-
अमरीका व चीन में एक चीनी गुब्बारे को लेकर जारी राजनयिक घमासान के बीच अब एक और चीनी गुब्बारा विवाद में आ गया है। यह लैटिन अमरीकी देशों के आसमान में नजर आया है और अमरीका ने फिर इस मामले पर चिंता जाहिर की है। अमरीका ने अपने आसमान में नजर आए चीनी गुब्बारे को लेकर दावा किया था कि यह चीनी गुब्बारा जासूसी गुब्बारा है और उसके यहां टोह ले रहा है जबकि चीन इस आरोप से इनकार करता है। वह इसे वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़ा गुब्बारा बता रहा है और कह रहा है यह मौसम संबंधी अनुसंधान से जुड़ा है और भटककर अमरीकी वायु क्षेत्र में चला गया है। लेकिन लेकिन अमरीका चीनी दावों से सहमत नहीं है।
इस गुब्बारे से अमरीका व चीन के रिश्तों में खटास और खींचतान बढ़ा दी है। अमरीका विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन चीन का दौरा करने वाले थे। अब जासूसी गुब्बारे से नाराज एंटनी ब्लिंकेन ने चीन दौरा रद्द कर दिया है। अमरीका इस गुब्बारे को लेकर आशंकित इसलिए भी है क्योंकि यह जिस क्षेत्र में नजर आया वहां अमरीका के संवदेनशील परमाणु केंद्र है। इसलिए वह उसकी टोही नजर को लेकर चिंतित है। चीनी गुब्बारे को देखते हुए अमेरिका अपने सभी संवेदनशील डाटा को सुरक्षित करने जुटा है। अमरीका और चीन के रिश्तों में तल्खी दक्षिण चीन सागर में बढ़ती चीनी गतिविधि और इसके जवाब में अमरीका द्वारा फिलीपींस में अपनी सैन्य टुकड़ी भेजना भी है। अमरीका फिलीपींस में अब तक नौ सैन्य अड्डे बना चुका है और चीन इससे बेहर खफा है।
पेंटागन के प्रवक्ता ने शुक्रवार रात को कहा है कि हमें लैटिन अमेरिका के आसमान में एक गुब्बारा दिखाई देेने की रिपोर्ट मिली है। हम मानकर चल रहे हैं कि यह दूसरा चीनी जासूसी गुब्बारा है। पेंटागन इस पर नजर रखे हुए है।
चीनी गुब्बारा कोई सामान्य गुब्बारा नहीं है। यह तीन बसों के बराबर आकार का है और नागरिक हवाई उड़ानों की सीमा से ऊपर उड़ रहा है। इसलिए संदेह होना सामान्य बात है।
पेंटागन ने कहा है कि नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड इस गुब्बारे को ट्रैक कर रही है। हालांकि यह गुब्बारा फिलहाल जमीन पर रहने वाले लोगों के लिए कोई खतरा नहीं है। लेकिन अमरीकी प्रशासन मानता है कि असली खतरा उससे होने वाली जासूसी है। अमरीका उसको मार गिराने पर संभावित खतरे का आकलन कर रहा है।