
-पुलिस पहरे में कलशयात्रा, भोले बाबा की पालकी व शोभायात्रा के साथ हुआ अमलेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक
कोटा। महाशिवरात्रि के अवसर पर शनिवार को विज्ञान नगर स्थित प्राचीन बाबा अमलेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का सुबह से ही तांता लगा रहा। इस अवसर पर वर्ष में एक दिन खुलने वाले बाबा अमलेश्वर महादेव मंदिर सेवा समिति की ओर से निकाली 8वीं विशाल कलश यात्रा निकाली गई। इसमें भोले बाबा की पालकी व शोभायात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने कलश धारण कर भाग लिया। शोभायात्रा संकीर्तन के साथ निकाली गयी जिसमें साध्वी हेमा जी सरस्वती, मझले मोरारी बापू, रामावतार शास्त्री सहित भगवान शिव की झांकियां रही। इस दौरान विधायक संदीप शर्मा, किशन पाठक, हिरेंद्र शर्मा ,राखी गौतम ,शिवकांत नंदवाना भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
अमलेश्वर महादेव सेवा समिति के संयोजक राजू सुमन ने बताया कि कलश यात्रा संजय नगर स्थित मां भुवनेश्वरी मंदिर से प्रारम्भ हुयी जो वीर चमत्कारिक हनुमान जी मंदिर पहुंची वहां से प्रातः 11 बजे शोभायात्रा व भोले बाबा की पालकी के साथ अमलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर रुद्राभिषेक किया गया। जगह-जगह शिव भक्तों ने शोभायात्रा का स्वागत किया।

योगेश रेनवाल ने कहा कि ये मंदिर लगभग 100 वर्ष पुराना है यहां पहले चूने की भट्टियां होती थी उन पर काम करने वाले मजदूरों ने संतों को बुलाकर बाबा अमलेश्वर मन्दिर का निर्माण कराया था। उसके बहुत वर्षों बाद ये मुस्लिम बहुल क्षेत्र हो गया जिसके कारण लगभग 30 वर्षों तक ये मंदिर बंद रहा । पिछले 7 वर्षों से विश्व हिन्दू परिषद् बजरंग दल के प्रयासों से प्रतिवर्ष एक ही दिन महाशिवरात्रि को ही ये मंदिर खुल पाता है।
प्रशासन के पास से उपलब्ध मानचित्र में इसका क्षेत्रफल 50 फीट गुणा 80 फीट का है लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों ने इस पर अवैध कब्जा कर लिया। दुर्भाग्य है कि एक तरफ देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं दूसरी ओर आजादी के 75 वर्ष बाद भी प्राचीन हिंदू मंदिर की हालत बिगड़ी हुई है।
प्रतिवर्ष हिंदू समाज महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन करते हुए सरकार से मांग करता हैं कि मंदिर की भूमि से अतिक्रमण हटाकर मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया जाए तथा यह मंदिर प्रतिदिन भक्तों के लिए खोलने की व्यवस्था की जाए।
सहसंयोजक प्रेम लाहोरिया सिक्कू व आकाशदीप, शोभायात्रा संयोजक पुष्पदयाल मालव व देवेंद्र जादौन, गायत्री राठौर, मुकेश जोशी, रामचरण लोधा, मोहन मालव, स्वीटी शर्मा, मुकेश शर्मा, रामबाबू मालव, ओमप्रकाश बैरवा, अनिल झाझोट ,दिलीप सिंह चैहान,महेश सुमन,जयनारायण गुर्जर,सतीश चतुर्वेदी,चेतन नेकाडी,मनमोहन शर्मा,राजेंद्र मेहरा,रामलाल तटवाड़िया,पंकज शर्मा,हिरेंद्र बना सहित समस्त कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

















