फडणवीस की शिंदे से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन का रास्ता साफ

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-भाजपा विधायक दल की बैठक आज

मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार गठन का रास्ता लगभग साफ हो गया है। मुख्यमंत्री पद और मंत्रिमंडल में गृह समेत प्रमुख विभागों पर दावेदारी के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अडियल रवैये के कारण सरकार गठन में समस्या हो रही थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की शिंदे से मंगलवार को मुलाकात के बाद आपसी सहमति बन गई है। समझा जाता है कि एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि शिवसेना नेता का मानना है कि वह मुख्यमंत्री रहे हैं इसलिए अपने शासन में उपमुख्यमंत्री रहे देवेन्द्र फडणवीस के तहत काम नहीं कर सकते।

भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की बुधवार को होने वाली भाजपा विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहलेे कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से यह व्यक्तिगत मुलाकात थी। वैसे भी पिछले सप्ताह दिल्ली में सरकार गठन के लिए हुई चर्चा के बाद दोनों की यह पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी।
महाराष्ट्र में शिवसेना नेताओं की एक भावना बार-बार सुनने को मिलती रही कि हमारे नेता एकनाथ शिंदे के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए। शिवसेना के अधिकांश नेताओं ने यह स्वीकार कर लिया है कि पार्टी की 57 सीटें एकनाथ शिंदे को भाजपा की 132 सीटों के मुकाबले मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वापस लाने की संभावना नहीं है। लेकिन वे इस बात पर जोर देते रहे कि इसका मतलब यह है कि उनकी पार्टी और उनके नेता को अन्य क्षेत्रों में भी अधिक महत्व दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र में 43 कैबिनेट और राज्य मंत्री विभागों में से भाजपा को 21 से 22, शिवसेना को 10 से 12 और एनसीपी को 9 से 11 सीटें मिलने की संभावना है। भाजपा नेता और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुंबई के आजाद मैदान में 5 दिसंबर को महायुति सरकार के शपथ ग्रहण से पहले विभागों के आवंटन पर गतिरोध को सुलझाने के लिए सीएम के आधिकारिक आवास पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इसमें ही महायुति की तीनों सहयोगियों में मंत्रिमंडल में सीटों के बंटवारों को लेकर सहमति बनी।
आज बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इसमें देवेन्द्र फडणवीस को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की पूरी संभावना है। शिंदे से मंत्रिमंडल गठन को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए इसी वजह से फडणवीस को ही जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समझा जाता है कि गृहमंत्रालय को लेकर सबसे ज्यादा खींचतान थी लेकिन यह विभाग फडनविस अपने पास ही रखेंगे। सहमति यह बनी है कि अजित पवार गुट को वित्त तथा शिंदे गुट को शहरी विकास विभाग दिया जाएगा। यह तीनों विभाग ही सरकार में सबसे अहम माने जाते हैं।
भाजपा ने नए मुख्यमंत्री और महायुति सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए 10000 लाड़की बहनों, 1000 किसानों और 400 हिंदू संतों को आमंत्रित किया है। 5 दिसंबर को शाम 5 बजे ऐतिहासिक आजाद मैदान में होने वाले इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।

 

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