कांग्रेस आलाकमान का उत्तर प्रदेश से स्वयंभू नेताओं को कड़ा संदेश!

congress

-देवेंद्र यादव-

devendra yadav
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग करके कड़े फैसले लेने की शुरुआत कर दी है। पार्टी हाई कमान ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग कर अन्य राज्यों के मठाधीश नेताओं को बड़ा संदेश दिया है। संदेश यह है कि जब पार्टी हाई कमान गांधी परिवार के पारंपरिक राज्य उत्तर प्रदेश की प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग कर नई कार्यकारिणी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है तो वह ऐसे ही कठोर फैसले अन्य राज्यों में भी ले सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कमेटी भंग करने का आदेश जारी कर दिया। अब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेशभर में सभी कमेटियां नए सिरे से गठित की जाएंगी।

उत्तर प्रदेश देश का वह राज्य है जहां से आजादी के बाद से ही गांधी परिवार लोकसभा का चुनाव लड़ता आ रहा है। मौजूदा वक्त में राहुल गांधी रायबरेली से सांसद हैं। मल्लिकार्जुन खरगे और और राहुल गांधी का उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग कर नई कार्यकारिणी बनाने का फैसला उन नेताओं को स्पष्ट संदेश है जो अपने अपने राज्यों में कांग्रेस को अपनी जेब में रख कर चलते हैं, और समझते हैं कि हमसे है कांग्रेस, कांग्रेस से हम नहीं। पार्टी हाई कमान ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग करके कठोर कदम तो उठाया है मगर सवाल भी बड़ा है। लगभग चार दशक से प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी के लिए क्या अपना मजबूत केडर खड़ा कर पाएगी। इसके लिए कांग्रेस को जेएनयू और राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रों की जगह इलाहाबाद, बनारस और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों पर अधिक भरोसा करना होगा। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जेएनयू और राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र मजबूत नहीं कर सकते। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को इलाहाबाद, बनारस और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र अधिक मजबूत कर सकते हैं। यह पार्टी हाई कमान को देखना है कि वह जेएनयू और राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रों पर भरोसा करते हैं या फिर इलाहाबाद बनारस और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्रों पर भरोसा करते हैं। अब यहां सभी कमेटियां को नए सिरे से गठन किया जाएगा। प्रदेश में लगाए गए सभी छह राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश अधक्ष जिलेवार दौरा करेंगे। जिलों के सक्रिय नेताओं को चिन्हित कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपेंगे। प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर की कमेटी को विधानसभा चुनाव के लिए तैयार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस हाई कमान ने कांग्रेस कमेटी को भंग करके ठीक समय पर अच्छा फैसला लिया क्योंकि उत्तर प्रदेश के भीतर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता समाजवादी पार्टी की तरफ देखने लगे थे। यह चर्चा होने लगी थी कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं। इसकी वजह यह है कि उत्तर प्रदेश का कार्यकर्ता और नेता अपने आप को कुंठित महसूस करने लगा था क्योंकि उत्तर प्रदेश में टीम प्रियंका गांधी बनाकर एक बड़ा ग्रुप स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं को लगातार अपमानित कर रहा था। पार्टी हाई कमान को उत्तर प्रदेश में सबसे पहले टीम प्रियंका गांधी के स्वयंभू नेताओं के जाल को तोड़कर उससे निकलना होगा और उत्तर प्रदेश में केवल टीम कांग्रेस बनाना होगा। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास बड़ा अवसर भी है क्योंकि मायावती का जलवा अब पहले जैसा नहीं रहा। कांग्रेस का जो पारंपरिक दलित वोट बहुजन समाजवादी पार्टी में शिफ्ट हुआ था उस वोट को वापस कांग्रेस में लाने के लिए कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में जाटव और दलितों का कोई बड़ा नेता तैयार करना होगा। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर जीत मिलने की एक वजह बहुजन समाज पार्टी का उत्तर प्रदेश में कमजोर होना भी है। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ अभियान ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी कामयाबी दिलवाई। उसे बरकरार रखने के लिए कांग्रेस हाई कमान को उत्तर प्रदेश में जाट जाटव यादव जाति के बड़े नेता तैयार करने होंगे।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments