
-देवेंद्र यादव-

थैंक यू राहुल गांधी! आपकी वजह से जनता को पता चला कि मतदाता सूची सरकार नहीं बनाती है। आपने 10 मार्च को संसद के भीतर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मतदाता सूचियों में अलग-अलग राज्यों में हो रही गड़बड़ी को लेकर संसद में बहस कराने की मांग की थी। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मतदाता सूचियां बनाना सरकार का काम नहीं है। राहुल गांधी ने भी स्वीकार किया कि मतदाता सूची सरकार तैयार नहीं करती है। फिर मतदाता सूचियां बनाता कौन है। यह भ्रम अब जनता के मन में फिर पैदा हो गया। यह भ्रम तो दूर हो गया कि मतदाता सूचियां सरकार नहीं बनाती है लेकिन यह भ्रम सामने आ गया कि आखिर मतदाता सूचियां बनाता कौन है!
जनता तो यही समझती आई है कि मतदाता सूचियां सरकार बनाती है क्योंकि जनता के द्वार पर सरकारी कर्मचारी ही मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए कागज कलम लेकर जाते हैं। ये कर्मचारी ही मतदाताओं से पूछताछ करके उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ते हैं। इसके बाद उन्हें मतदाता कार्ड मिलता है। जनता यह जानती है कि इस प्रक्रिया में जिला कलेक्टर, परगना अधिकारी, तहसीलदार और राज्य कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शायद इसीलिए अभी तक जनता को यह भ्रम था कि मतदाता सूची सरकार तैयार करती है। लेकिन 10 मार्च सोमवार को देश की संसद में बताया गया कि मतदाता सूचियां सरकार नहीं बनाती है। ऐसे में सवाल खडा हुआ कि फिर मतदाता सूचियां कौन बनाता है। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पूछ रहे थे और मांग कर रहे थे कि इस पर बहस कराई जाए की मतदाता सूचियों में गड़बड़ियां क्यों हो रही हैं। कौन लोग हैं जो फर्जी मतदाता सूचियां बना रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मांग को अभी तो स्वीकार नहीं किया है लेकिन इस मांग को लेकर सारा विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है। मतदाता सूचियों को लेकर उठ रहे सवाल के जवाब संसद से हासिल करने के लिए विपक्ष एक जुट नजर आ रहा है। विपक्ष की एक जुटता जनता के उस भ्रम को भी दूर कर देगी की हकीकत में मतदाता सूचियां कौन बनाता है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 10 मार्च को संसद के भीतर बड़ी ही शालीनता से मतदाता सूचियों को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से बहस कराने की मांग की थी। अब ओम बिरला इस पर बहस कराते हैं या नहीं, यह तो समय बताएगा लेकिन कांग्रेस ने उत्तराखंड से मेरा वोट मेरा अधिकार अभियान छेड़ दिया है। कांग्रेस का यह अभियान पूरे देश में चलेगा। कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर जनता को उनके मतदान के अधिकार के बारे में अवगत कराएंगे और मतदाता सूचियों में मतदाताओं का नाम जुड़वाएंगे !
इसकी तैयारी के बारे में गत दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सलाहकार गुरदीप सिंह सप्पल प्रेस के सामने विस्तार से जानकारी दे चुके हैं। राज्यसभा में भी 10 मार्च को राहुल गांधी की तरह राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे ने भी मतदाता सूचियों पर बहस की मांग की।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)