
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस की तरफ से 2028 में राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसकी झलक 7 सितंबर रविवार के दिन, कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री सचिन पायलट के जन्मदिन समारोह में नजर आई। सांवरिया जी के दरबार में हाजिरी लगाने और आशीर्वाद लेने पहुंचे सचिन पायलट को राजस्थान भर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं और जनता ने आशीर्वाद दिया। सवाल यह है कि 7 सितंबर को पायलट के जन्मदिन पर सांवरिया सेठ के दरबार में बड़ी संख्या में उपस्थित होकर राजस्थान भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं और जनता ने तो आशीर्वाद दे दिया, मगर पायलट को कांग्रेस हाई कमान का भी आशीर्वाद मिलेगा या मिल गया। क्या 2028 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा सचिन पायलट ही होंगे। क्या हाई कमान सचिन पायलट को 2028 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने से पहले उन्हें राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाएगा। क्या 2018 के विधानसभा चुनाव की तरह 2028 का विधानसभा चुनाव भी राजस्थान में सचिन पायलट की अध्यक्षता में लड़ा जाएगा। इसकी झलक उस तस्वीर से नजर आई जब, सचिन पायलट को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे लोगों का धन्यवाद करने के लिए सचिन पायलट मंच पर पहुंचे। वहां सचिन पायलट के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के लंबे समय से चले आ रहे सह प्रभारी धीरज गुर्जर नजर आए। धीरज गुर्जर कांग्रेस के भीतर राजस्थान के मौसम वैज्ञानिक हैं। वह अनुमान लगा लेते हैं कि राजनीतिक हवा का रुख किस तरफ बह रहा है,। धीरज गुर्जर लंबे समय से श्रीमती प्रियंका गांधी की टीम में काम कर रहे हैं। धीरज गुर्जर को राजनीति में लाने वाले अशोक गहलोत थे। अशोक गहलोत ने ही धीरज गुर्जर को राजस्थान छात्र कांग्रेस का अध्यक्ष बनवाया था और विधानसभा का चुनाव लड़वाया था। धीरज गुर्जर विधायक भी रहे और अशोक गहलोत ने ही धीरज गुर्जर को कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनवाकर उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय सह प्रभारी बनवाकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती प्रियंका गांधी के करीब पहुंचाया था। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में धीरज गुर्जर और संदीप सिंह की जोड़ी ने टिकट बंटवारे में बड़ी भूमिका निभाई थी। लेकिन कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में केवल दो सीट ही जीत सक थी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को श्रीमती प्रियंका गांधी की मौजूदगी में मिली हार के पीछे धीरज गुर्जर और संदीप सिंह की बड़ी भूमिका मानी जाती है। जिसकी चर्चा उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज भी सुनाई देती है।

राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट कांग्रेस संगठन सृजन की धज्जियां उस समय उड़ते हुए देखी गई जब उत्तर प्रदेश कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की घोषणा हुई ।जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में भी धीरज गुर्जर और संदीप सिंह की बड़ी भूमिका होने की चर्चा सुनाई दी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के भीतर चर्चा तो यह भी सुनाई दे रही है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन भी कर लिया है। मगर पार्टी हाई कमान प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की नई कार्यकारिणी को हरी झंडी नहीं दिखा रही है। इसके पीछे भी धीरज गुर्जर और संदीप सिंह का बड़ा हाथ होने की चर्चा है। सुना है कि धीरज गुर्जर और संदीप सिंह की जोड़ी शायद अब अलग होती नजर आ रही है क्योंकि संदीप सिंह को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़ा असंतोष है और धीरज गुर्जर संदीप सिंह से अपना पल्ला झाड़ ते हुए दिखाई दे रहे हैं। 7 सितंबर को सचिन पायलट के जन्मदिन के अवसर पर धीरज गुर्जर पायलट के साथ नजर आए। सवाल खड़ा होता है कि क्या धीरज गुर्जर अशोक गहलोत से भी पल्ला झाड़ने वाले हैं। क्या धीरज गुर्जर को लग गया है कि राजस्थान कांग्रेस का भविष्य अब सचिन पायलट पर है। कांग्रेस हाई कमान ने खासकर राहुल गांधी ने सचिन पायलट को हरी झंडी दिखा दी है कि वह अब राजस्थान में ही अधिक रहे और 2018 की तरह 2028 में एक बार फिर से कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता में लेकर आएंं। शायद इसीलिए सचिन पायलट ने 7 सितंबर को अपने जन्मदिन के अवसर पर चित्तौड़ जिले में स्थित सांवरिया सेठ के दरबार से इसका आगाज कर दिया है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)