
–खैरज धाम मठ विरासत को संरक्षण की जरूरत
बारां। ” खैरज धाम मठ विरासत की दृष्टि से एक अत्यंत प्राचीन स्थल है जहां धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर के कई प्रमाण पाए जाते हैं। वैष्णव सम्प्रदाय के अनेक संत महात्माओं के समाधि स्थल यहां बने हुए हैं जिनके इतिहास को खोजा जाए तो इसके बारे में और इसकी प्राचीनता का अन्वेषण किया जा सकता है।” ये विचार भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय द्वारा श्री खैरज धाम विकास समिति बारां के सहयोग से विश्व विरासत दिवस पर आयोजित” समूह वार्ता ” में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और वार्ताकार विष्णु कुमार साबू चेयरमैन इंटेक एडवाइजरी कमेटी ने व्यक्त किए।
इंटेक बारां चैप्टर द्वारा खैरज मठ पर आयोजित इस समूह वार्ता में ” प्राचीन खैरज मठ: विरासतीय ऐतिहासिकता और महत्ता ” विषय पर आधारित समूह वार्ता में अध्यक्षीय उदबोधन देते हुए चैप्टर के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि ” यह साधु संतों महात्माओं का आवागमन स्थल रहा है जिसमें वैष्णव मत की गद्दी परम्परा लगातार रही है वर्तमान में इस स्थान को इतिहास की दृष्टि से पर्यटन विभाग और देवस्थान विभाग की ओर से संरक्षण की जरूरत है।”।
पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षाविद रमेश कुमार शर्मा ने विशिष्ट अतिथि बतौर कहा कि ” आज भी वराह नगरी बारां की पुरा संपदा और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षण की आवश्यकता है। बाहर से आने वाले पर्यटकों को जिला मुख्यालय पर प्राचीन काल की वराह नगरी का स्वरूप दिखाना चाहिए।”
समूह वार्ता के एक ओर विशिष्ट अतिथि मुकेश कुमार गौतम ने कहा कि” खैरज मठ के सर्वांगीण विकास की आवश्यकता है। इसके लिए सभी बारां वासियों को प्रयास करने चाहिए।”
यूनेस्को द्वारा घोषित धरोहर स्थलों को समर्पित विश्व विरासत दिवस को मनाने की आवश्यकता और महत्ता पर ध्यान आकर्षित करते हुए इंटेक बारां चैप्टर कन्वीनर जितेन्द्र कुमार शर्मा और समाजसेवी प्रदीप विजय ने प्राचीन काल की शहरीय गतिविधियों के प्रमुख केंद्र रहे खैरज मठ की विरासतीय ऐतिहासिकता और महत्ता पर विचार व्यक्त किए।
वार्ता का संयोजन जितेन्द्र कुमार शर्मा ने किया।