
बारां । शाहबाद की सुरम्य घाटियों के वैभव और जंगलों को बचाने के लिए छेड़ा हुआ आंदोलन अब दिनोदिन जोर पकड़ता जा रहा है।इस आंदोलन की राष्ट्रव्यापी महत्ता और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए देश के सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता डॉ राजेंद्र सिंह वाटर मेन के बारां आगमन और उनके साथ मौके पर पहुंची टीम द्वारा काटे जाने वाले पेड़ों की गणना के बाद से जो चौंकाने वाला आंकड़े सामने आए हैं उनको देखते हुए हाड़ौती अंचल के विभिन्न समाजसेवी संगठनों द्वारा शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन के लिए मैदान में सामने आने से आंदोलन दिनोदिन जोर पकड़ता जा रहा है।हाल ही में भागवत कथा वाचक संत प्रिया शरण दास जी महाराज, अभिभाषक परिषद झालावाड़ और श्री राधा गोविन्द स्मृति सेवा संस्थान समेत कई अन्य संगठनों के समर्थन के बाद होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष हारून खान ने भी प्रदेश भर के होटल व्यवसायियों का समर्थन दिए जाने की घोषणा की है।
होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थानके कोटा डिवीजन के संभागीय अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी और महासचिव संदीप पडिया ने कहा कि राजस्थान में टूरिस्टों को आकर्षित करने में बारां जिला अग्रणी है।यहां पर मिनी खजुराहो, क्रेटर,शाहबाद का किला , कन्यादह, कपिलधारा,सीताबाड़ी समेत कई अन्य पर्यटक स्थल हैं जो टूरिस्टों को आकर्षित करने में सक्षम हैं और शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र आने वाले समय में टाइगर कॉरिडोर के लिए आवश्यक है ऐसे में इस जंगल में कुल्हाड़ी का चलना एक दुखदाई घटना है।इस आंदोलन में हम सभी साथ हैं।
होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के बारां प्रभारी जगदीश शर्मा,हरिओम अग्रवाल और महेन्द्र शर्मा ने कहा कि हमारा संबल है,यह प्रयास सराहनीय है हम सभी जंगल बचाओ आंदोलन में शामिल हैं और किसी भी कीमत पर इन पेड़ों को नहीं काटने देंगे।