
कोटा। भारतीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत निधि के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुखदेव सिंह ने कहा है कि पर्यटन विकास से हमारी प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत बाधित न हो इसका भी ध्यान शासन और समाज को रखना चाहिए।
प्रोफेसर सिंह अनंतपुरा में गत दिवस एक प्रबंध संस्थान के सभागार में प्राकृतिक एवं विरासत प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास से राजस्व की प्राप्ति होती है लेकिन देखने में आया है कि हमारे पहाड़ी क्षेत्रों पर इसका प्रभाव भी पड़ने लगा है। उन्होंने शाहबाद कंजर्वेशन रिजर्व पर मंडरा रहे खतरों एवं मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के विकास,चम्बल नदी के प्रदूषण पर भी चिंता जताते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि हम हमारी सरकारों को नीतियों में सुधार करने के लिए तैयार करें। मुझे जिम्मेदार नागरिकों की जिम्मेदारी ही की वह इस कार्य को अपनी एकता से पूर्ण करें।
इस अवसर पर इंटेक गवर्निंग काउंसिल के सदस्य गुजरात के रुजवेह उमरिगर ने कहा कि प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को नष्ट करने का सिलसिला महाभारत काल से आज तक दिल्ली में चला और संभवत: यही कारण है कि दिल्ली आज तक सुखी नहीं हो पाई। इंटेक को नागरिक समूह बनाकर विरासत संरक्षण पर नई शैली से काम करना है। कोटा प्राकृतिक विरासत प्रकोष्ठ के प्रभारी बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि इस स अवसर बारां में राष्ट्रीय पर्यावरण सेमीनार के सफल आयोजन पर इंटेक कंवीनर जितेंद्र कुमार शर्मा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाषाविद् प्रोफेसर सुखदेव सिंह एवं गणमान्य नागरिकों ने सम्मान किया। चम्बल संसद के अध्यक्ष कुंज बिहारी नंदवाना,कोटा इंटेक कन्वीनर निखिलेश सेठी एवं को कन्वीनर बहादुर सिंह हाडा, यज्ञदत्त हाडा को भी सम्मानित किया गया। ओम कोठारी प्रबंधन संस्थान के निर्देशक डा अमित सिंह राठौड़ ने शहर के गणमान्य नागरिकों का अभिनंदन करते हुए कहां कि प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से ही हम प्राकृतिक विरासत को नष्ट होने से बचा सकते हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर आरसी साहनी, शिक्षाविद् डॉ गोपाल सिंह, इतिहासविज्ञ डा सुषमा आहूजा,वन्यजीव विशेषज्ञ विट्ठल सनाढ्य, वास्तुविद आर्किटेक्ट गौरव चौरसिया,ज्योति सक्सेना , इंटेक के प्रोजेक्ट प्रभारी अनिल शर्मा, लायंस क्लब के वीपी आहूजा,आनंद सनाढ्य, ममता तिवारी, राकेश विजय,प्रतीक गुप्ता आदि ने प्रमुख भागीदारी की।