
कोटा। भारतीय संकलन समिति के तत्वावधान में राजकीय संग्रहालय किशोर सागर कोटा में राणा सांगा की राष्ट्रीय चेतना विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसके मुख्य वक्ता प्रो अरविन्द सक्सेना। संगोष्ठी के मुख्यातिथि प्रो डी पी त्रिपाठी एवं अध्यक्षता प्रो आदित्य कुमार गुप्ता ने की।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर अरविंद सक्सेना ने महाराणा सांगा की राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख करते हुए बताया कि महाराणा सांगा महान योद्धा थे जो समस्त राजपूत शासकों को विदेशी आक्रांता से संघर्ष के लिए एक साथ लेकर आए। वर्तमान समय में समाज कंटकों द्वारा भारत के महान शासक और योद्धा के लिए जो भ्रांतियां उत्पन्न की जा रही हैं, उनको प्रोफेसर अरविंद सक्सेना ने तार्किक और संगत संदर्भों के साथ दूर किया। उन्होंने बताया किसी भी तत्कालीन भारतीय ग्रंथ में राणा सांगा के द्वारा बाबर को आमंत्रित करने का कोई प्रमाण प्राप्त नहीं होता है। प्रोफेसर त्रिपाठी ने राणा सांगा के चारित्रिक जीवन का उल्लेख किया। उन्होंने बताया की राणा सांगा ने एक हिंदू सूर्य योद्धा की तरह युद्ध लड़े और सल्तनत के शासक इब्राहिम लोदी को वह पहले भी परास्त कर चुके थे। इस प्रकार के वीर योद्धा के द्वारा किसी बाहरी मुगल को भारत में आमंत्रित करने के लिए बुलाने की बात कोई तर्क संगत नहीं लगती। अध्यक्ष प्रो गुप्ता ने कहा कि राणा सांगा भारतीय अस्मिता और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। वे महान राष्ट्र भक्त योद्धा थे। इसके बाद भारतीय इतिहास संकलन की सदस्य डॉक्टर पल्लवी शर्मा ने सभी सदस्यों एवं उपस्थित विद्यार्थियों को संग्रहालय का दर्शन करवाते हुए यहां पर संरक्षित प्रतिमाओं, मूर्तियां का महत्व समझाया तथा उनकी विभिन्न शैलियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस विचार गोष्ठी में इतिहास संकलन समिति के जिला सचिव नवनीत स्वरूप ,डॉक्टर अचल अरविंद, श्री मनीष सुमन , डॉ महावीर साहू एवं कोटा विश्वविद्यालय के हेरिटेज विभाग के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव नवनीत स्वरूप ने किया। धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रभारी डॉ अचल अरविंद ने किया।