झोपड़े में रहने वाली प्राची बनेगी गांव की पहली डॉक्टर

a9efec61 b6d3 483b 9d6e 7c1f86cf22f1

-कोटा ने बदल दी जिंदगी

– मेरी सफलता कोटा के शिक्षकों को समर्पित : प्राची

– शिक्षा संबल योजना में एलन कोटा में मिली निशुल्क शिक्षा, आवास और भोजन तो मध्यप्रदेश मऊगंज के नौड़िया गांव की प्राची पटेल का सपना हुआ साकार

कोटा. कोटा एक बार फिर सामाजिक बदलाव का उदाहरण बना है। यहां निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर एक ऐसे परिवार की छात्रा का सपना पूरा हुआ है जो आर्थिक रूप से कमजोर है। अब छात्रा अपने परिवार और समाज के लिए ही नहीं वरन पूरे गांव के लिए उदाहरण बनी है। प्राची अपने गांव की पहली डॉक्टर बनेगी। प्राची का चयन शिक्षा संबल कार्यक्रम के लिए हुआ, जिसमें एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की ओर से निशुल्क शिक्षा तथा एलएन माहेश्वरी परमार्थ न्यास की ओर से निशुल्क आवास व भोजन की व्यवस्था की गई।
इस सफलता का श्रेय प्राची ने शिक्षकों को दिया है। प्राची ने कहा कि एलन कोटा जैसे शिक्षक कहीं नहीं मिल सकते, जो सपोर्ट और पढाने का तरीका कोटा में फैकल्टीज का रहा वो यादगार रहेगा। डाउट काउंटर हो या क्लास हर जगह शिक्षकों ने पूरा सपोर्ट किया।
कहानी मध्यप्रदेश के मऊगंज के नौड़िया गांव की प्राची पटेल की है। आर्थिक तंगी झेल रहा प्राची का परिवार झोपड़ेनुमा कच्चे घर में गुजर-बसर करता है। पढ़ाई में अच्छी प्राची ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2025 में 720 में से 467 अंक प्राप्त किए और ओबीसी-एनसीएल कैटेगिरी रैंक 46215 है। ऑल इंडिया रैंक 95488 है। प्राप्तांकों के आधार पर प्राची को राजकीय श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा में प्रवेश मिला है। चयन के बाद गांव में खुशी का माहौल है, प्राची उन बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई है जो कठिन हालातों में भी बड़े सपने देखती हैं।
——–
5 हजार रुपए लेकर आई थी, उसमें से भी 2 हजार बच गए
प्राची शुरुआत से डॉक्टर ही बनना चाहती थी। उसने 10वीं में 96.8 एवं 12वीं में 86.8 प्रतिशत अंक हासिल किए। परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि उसे नीट की तैयारी के लिए कोचिंग करवा सकें। इसी दौरान उसे शिक्षकों से एलएन परमार्थ न्यास ट्रस्ट के बारे में जानकारी मिली। प्राची ने ट्रस्ट की चयन परीक्षा दी और चयनित हो गई। इसके बाद उसे 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के साथ कोटा स्थित एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में निशुल्क पढ़ाई का अवसर मिला। एलएन माहेश्वरी परमार्थ न्यास ने रहने और खाने की पूरी सुविधा भी उपलब्ध कराई। कोटा आने पर पिता ने जेब खर्च के लिए सिर्फ 5 हजार रुपए दिए थे। पूरे साल की तैयारी में उसे एक भी अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ा और जब वह वापस लौटी तो उसके पास करीब 2 हजार रुपए शेष भी थे।
—-
माता-पिता करते हैं खेती
मध्यप्रदेश में मऊगंज जिले के नौड़िया गांव निवासी प्राची का परिवार पूर्णतया खेती से प्राप्त होने वाली आय पर निर्भर है। महज तीन बीघा जमीन पर उसके पिता कृष्णकुमार पटेल खेती करते हैं, जिससे खाने लायक अन्न पैदा होता है। पूरे साल का खर्चा भी सही से नहीं चल पाता। उधार लेकर परिवार चलाना पड़ता है। प्राची की मां सरोज भी खेती में सहयोग करती है। घर कच्चा बना हुआ है। बिजली-पानी की समस्या बनी रहती है। बारिश में कीचड़ फैल जाता है, पूरे घर में पानी भी टपकने लगता है।

झोपड़े में रहने वाली प्राची बनेगी गांव की पहली डॉक्टर
एल एन माहेश्वरी परमार्थ न्यास के सदस्य डॉ.नवीन माहेश्वरी ने बताया कि शिक्षा संबल के परिणाम अच्छे रहे हैं। 98 प्रतिशत विद्यार्थियों ने नीट क्वालीफाई किया। जिन बच्चों का सरकारी कॉलेजों में चयन हुआ उन्हें बधाई। ये बच्चे सामाजिक बदलाव का उदाहरण बनते हैं, क्योंकि ये अन्य बच्चां को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और हम उनके सपने पूरे करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहते हैं।

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments