
-विष्णु देव मंडल-

चेन्नई। बीते दो साल कोरोना के भेंट चढ़ चुकी दिवाली महोत्सव पर इस साल गजब की रौनक है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के बाजारों में खरीदारी के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। टीनगर, पुरूषवाकम, तांबरम, पाडि, पेरमबूर, आदि इलाकों के बाजार में खरीदारों की भीड़ की वजह से पग रखने की जगह नहीं मिल रहे है। जहाँ दुकानदारों की चांदी है, वहीं खरीदारों में भी खुशियाँ नजर आ रही है। लेकिन इससे इतर कई खरीदार भीड में असामाजिक तत्वों की कारस्तानी से अपने कीमती गहने गंवा बैठते हैं।
जिस प्रकार बाजारों में भीड़ उमड़ रही है ठीक वैसे ही आपके कीमती गहने और अन्य मूल्यवान चीजों को आपसे छीनने के लिए भी पाकिटमारों और चोरों के गिरोह बाजार में सक्रिय हैं। गैंग के सदस्य ग्राहकों के इर्द गिर्द मंडराते रहते हैं और आपको जब तक पता चलता है तब तक माल पार हो जाता है। उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को रेवती अपने दो मासूम बच्चे के साथ रंगनाथन स्ट्रीट टीनगर में एक कपड़े का शोरूम में घुसने का प्रयास करने के दौरान जब वह अपने छोटे बच्चे को गोद में लेने को झुकती है उनके गले का चेन लेकर अज्ञात बदमाश चंपत हो जाता है। उसे चिल्लाने के बावजूद भी मदद नहीं मिली और वह दुखी मन घर लौटी।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिवाली महोत्सव के अवसर पर पॉकेटमार,चोर, अलग-अलग गैंग में महानगर में सक्रिय हैं। खरीदारों को दिवाली की खरीादारी के समय सावधान रहने की जरूरत है। ज्ञात हो कि चेन्नई महानगर में गिरोह टैक्सटाइल शोरूम, ज्वेलरी की दुकानें, एमटीसी बसें और लोकल ट्रेनों में सक्रिय हैं। ये मौका मिलते ही खरीदारों की कीमती वस्तु को पार कर देते हैं।
चार सौ से भी अधिक पाकेटमारों का गैंग सक्रिय
दक्षिण चेन्नई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रेमानंद सिन्हा के मुताबिक महानगर में 400 से भी अधिक चोर और पाकेटमारों का गैंग एक्टिव मोड में है। पहले यह सभी चोर और पाकेटमारों का गैंग एमजीआर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के आसपास में बने लॉज और होटल में ठहर कर घटनाओं को अंजाम देते थे,लेकिन इस बार पुलिस से बचने के लिए इन्होंने महानगर के अलग-अलग इलाकों में ठिकाने बना लिए हैं। उन्होंने बताया कि विगत कुछ दिनों में 15 से भी अधिक चोरों और पाकिटमारो को पुलिस ने धर दबोचा है। बहरहाल ये अपराधियों का गैंग शहर से बाहर केलमवाककम, सिरूसरी, मदुरावायल, नजरथपेट आदि इलाकों से अपना नेटवर्क चला रहे हैं, जिनमें पुरूष और महिलाएँ दोनों शामिल है!
दिवाली पर ढाई से भी अधिक सीसीटीवी कैमरे से निगरानी
टीनगर डीसीपी आदर्श पचेरा के अनुसार टीनगर के बाजार और बस अड्डे की निगरानी के लिए ढाई सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वही ं तीन सौ महिला पुलिस भी गश्त कर रही हैं। 20 सब इंसपेक्टर सादे लिबास में भीड़ पर नजर रख रहे हैं, वही 30 वाईफाई कैमरे भी भीड़ के निगरानी में लगाये गये हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार निम्नलिखित अपराधी गैंग महानगर में दीपावली के रंग को बैरंग करने के फिराक में हैं जो निम्नलिखित है-
– रामजी नगर गैंग
इस गैंग का लाइफ स्टाइल अमीरों वाला है। इनमें 10 से 20 सदस्य होते हैं जो प्रायः लग्जरी बसों या फिर फ्लाइट से यात्रा करते हैं।देखने में बिल्कुल सभ्य और ऊंचे घराने को लगेंगे लेकिन चंद मिनटों में आपके गहने और कीमती सामान लेकर चंपत हो जाएंगे।
-ओजी कुपपम गैंग
यह गैंग पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के नगरी इलाके से आते हैं जिनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं। देखने को यह तो मजदूरों की तरह दिखते हैं। येे कपड़े के शोरूम और गहनों की दुकानों और एटीएम पर भीड़ के समय अपना हाथ साफ कर जाते हैं या फिर गहनों की दुकानों में असली के जगह नकली गहने देकर चंपत हो जाते हैं।
-मैलूर गैंग मदुरै
यह गैंग पूर्णरूपेण महिलाओं का है जो मदुरई शहर से संचालित हो रही है। यह गैंग प्रायः कपड़े की दुकानों पर मां बहने और बच्चों के रूप में पहुंचते हैं और सेल्समैन से सवाल जवाब करते हुए हाथ साफ कर जाते हैं और किसी को पता ही नहीं चलता।
-नेताजी नगर तोंदियारपेट गैंग
यह चेन्नई का स्थानीय गैंग है जो प्रायः लोकल ट्रेन, एमटीसी बसों और भीड़भाड़ वाले जगहों में सक्रिय है। यह पॉकेट मारी करते हैं और समूह में रहते हैं। यदि आप का पॉकेट मारने के बाद इस पर सवाल उठाते हैं तो यह सभी मिलकर पीड़ित पर ही इल्जाम लगाने लगते हैं।
-परनामपेट गैंग,वेलूर
यह गैंग प्रायः बंद घरों को निशाना बनाते हैं। बंद घरों में ताला तोड़ कर कीमती गहने और समान लेकर गायब हो जाते हैं।
(लेखक चेन्नई निवासी स्वतंत्र पत्रकार एवं व्यवसायी हैं)

















