-ए एच जैदी-

(नेचर, आर्ट्स एण्ड टूरिज्म प्रमोटर)
कोटा। गंगानगर के एक संगीत घराने की गजल गायकी में अलग ही पहचान थी। लेकिन देश के विभाजन के समय यह घराना भी बंट गया। इस संगीत के समृद्ध घराने का एक भाई पाकिस्तान चले गए जबकि एक भाई भारत में ही रहे।
पाकिस्तान चले गए भाई के एक बेटे मेहदी हसन ने गजल गायकी को न केवल नया आयाम दिया बल्कि देश दुनिया में इस गायकी को अलग पहचान दी। उन्हें गजल सम्राट तक कहा गया। उन्होंने देश दुनिया में ग़ज़ल गायकी में मुकाम हासिल करने के साथ पाकिस्तानी फिल्मों के लिए गाने भी गाये। भारत की महन गायिका लता मंगेशकर उनके बारे में कहा करती थी में दिन में एक बार मेहन्दी हसन साहब का गाना जरुर सुनती हूं। लता जी अपने समय की महान गायिका नूरजहाँ से भी आये दिन बात करती थी। भले ही देश का विभाजन होने से भौगोलिक दूरियां बढ गई हों लेकिन संगीत ने नजदीकियां बना कर रखी थीं।

गंगानगर घराने के दूसरे बेटे हैं यासीन भारती। उनके वालिद के शागिर्दों में मशहूर ग़ज़ल गायक और संगीतकार जगजीत सिंह का भी नाम भी है। यासीन भारती और जगजीत सिंह गुरू भाई रहे हैं। यासीन भारती ने ही कोटा के डीसीएम के श्रीराम रंगमंच पर मशहूर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का कार्यक्रम उस समय आयोजित कराया था जब गजल गायकी भारत में नए सिरे से उभर रही थी। गुलाम अली गजल गायकी में नए झौंके की तरह उभर रहे थे। यासीन भारती खुद बेहतरीन संगीत कार और गजल गायक रहे हैं। अब उनके तीन बेटे संगीत में अपने परिवार का नाम रौशन कर रहे हैं। उनका एक बेटा बम्बई में रंगमंचों पर शानदार एंकरिंग करता है और परिवार समेत वहीं रहता है।
दूसरा बेटा डॉ रोशन भारती वर्तमान में कोटा में संगीत प्रोफेसर है। रोशन भारती भी गजल गायकी में माहिर हैं और आपने भी विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन किया है। इनके बेटे मोहित भारती ने मशहूर संगीतकार और आस्कर विजेता एआर रहमान साहब से संगीत की शिक्षा ली और अमेरिका में संगीत में स्नातक की पढ़ाई की। वर्तमान में मोहित भारती भी बम्बई में संगीत में मुकाम बनाने में लगे हैं।
यासीन भारती के तीसरे बेटे रजब अली को दूरदर्शन पर आए दिन गजल गायकी करते देखते हैं। वह देश भर में सूफियाना कलाम व गज़ले पेश करते रहे हैं।