
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के हाडोती अंचल में जुलाई माह के अन्तिम दिन महिलाओं ने श्रावण मास की हरियाली तीज का त्योहार पूरी श्रद्धा के साथ मनाया। इस अवसर पर कोटा सहित हाडोती के ग्रामीण इलाकों के कई कस्बों में मेलों का आयोजन किया गया। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के अवसर पर बनाई जाने वाली हरियाली तीज पर आज विवाहित महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और अपने घरों -शिवालयों में समूह में भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करके अपने पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना की। कुवांरी लड़कियों ने भी मनचाहे वर की कामना के साथ भगवान शिव-पार्वती का पूजन किया। सावन महीने की तीज पर आने वाले इस दिन हाडोती अंचल के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने अपने घर-आंगन या आसपास के खेतों के पेड़ों पर पुरानी परंपरा के अनुसार झूले डाले और शिव-पार्वती की स्तुति में स्थानीय बोली के प्रचलित लोक गीतों को गाते हुए झूला झूली। सावन मास में बरखा के कारण गांव, खेत-खलियान और आसपास के जंगलों में हरीतिमा पट्टी बिछ जाने के कारण ही इसे हाडोती में ही नहीं बल्कि समूचे राजस्थान में हरियाली तीज के नाम से ज्यादा जाना जाता है।
माता पार्वती की सवारी निकाली
हाडोती अंचल के ग्रामीण इलाकों में आज सुबह महिलाओं ने भगवान शिव-पार्वती के पूजन के बाद का प्राक्रतिक सौंदर्य के प्रतीक इस त्योहार पर मंगल गीत गाते हुए माता पार्वती की सवारी निकाली। सावन मास की तीज पर आज समूचे अंचल में शिवालयों में अच्छी-खासी घूम रही। कोटा शहर में भी आज सुबह से ही थेगड़ा के शिवपुरी धाम, प्राचीन काल के मुनि कण्व के आश्रम माने जाने वाले कन्सुआ मंदिर, नीलकंठ महादेव, भीतरिया कुंड, टीलेश्वर महादेव आदि शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं खासतौर से महिलाओं का तांता लगा रहा। महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से हाथों में मेहंदी रचा, कलाइयों में हरी चूड़ियां पहन के लहरिया-चुनरी धारण करके धार्मिक आयोजनों-पूजन में भाग लिया।
हाट बाजार रोड पर वार्षिक मेला
कोटा शहर में भी आज तीज माता की सवारी निकालकर स्टेशन क्षेत्र में हाट बाजार रोड पर वार्षिक मेला आयोजित किया जा रहा है। पिछले कई दशकों से कोटा में हरियाली तीज पर यह वार्षिक मेला आयोजित करने की परंपरा गई है, जिसमें कोटा जंक्शन से शोभायात्रा के साथ सावन तीज माता की सवारी निकाली जाती रही है लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते पिछले दो सालों से इस मेले के आयोजन पर रोक लग गई थी लेकिन इस बार पूरे उत्साह और उमंग के साथ यह मेला आयोजित किया जा रहा है जिसमें व्यापारियों ने महिलाओं की जरूरत की वस्तुओं की अनेक दुकानें सजाई है तो बच्चों के मनोरंजन के लिए चक्री-झूले, चाट-पकौड़ी की दुकानें लगाई गई है।
आज दोपहर तक इक्का-दुक्का बार बरखा की बौछारों के अलावा आम तौर पर मौसम साफ़ रहा तथा आकाश में छाई बदरियों की ओट बीच धूप भी खिली। इस मेले में शोभा यात्रा के समय कई दशकों से तीज माता की भव्य सवारी के साथ शिव-पार्वती और गणेश की आकर्षक झांकी भी निकाली जाती रही है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)