
JEE Main Result Analysis
– एनटीए ने प्रेस रिलीज में किया बदलाव, जेंडर के आंकड़ों में हो गई थी गलती
कोटा. जेईई-मेन 2025 के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार जेईई-मेन के आधार पर शीर्ष ढाई लाख विद्यार्थी एडवांस्ड के लिए पात्र घोषित होते हैं, जिनमें सामान्य श्रेणी की कटऑफ 93.1023262, ईडब्ल्यूएस की कटऑफ 80.3830119, ओबीसी की कटऑफ 79.4313582, एससी की कटऑफ 61.1526933, एसटी की कटऑफ 47.9026465 पर्सेन्टाइल रही। एनटीए की ओर से शनिवार को पुनः जेईई-मेन परिणाम की संशोधित प्रेस रिलीज जारी कर आंकड़ों में गलती सुधारी।
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इस एआईआर पर ये मिलेंगे एनआईटी – ट्रिपलआईटी
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि विद्यार्थी जिनकी एआईआर 5 हजार से कम रहेगी उन्हें टॉप 5 एनआईटी तिरछी, वारंगल, सूरतकल, इलाहाबाद, जयपुर ट्रिपलआईटी इलाहाबाद की कोर ब्रांच मिलने की संभावना होगी। विद्यार्थी जिनकी आल इंडिया रैंक 5 से 10 हजार के मध्य रहेगी, उन्हें उपरोक्त टॉप 5 एनआईटी की अन्य ब्रांचों के अतिरिक्त कालीकट, सूरत, नागपुर,भोपाल,कुरूक्षेत्र, राउरकेला जैसे एनआईटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना है। ऐसे विद्यार्थी जिनकी एआईआर 10 से 20 हजार के मध्य आने की संभावना है, उन्हें जालंधर,जमशेदपुर, दिल्ली, गोवा,अगरतला, हमीरपुर, दुर्गापुर जैसे एनआईटी में कोर ब्रांच के साथ-साथ ट्रिपलआईटी ग्वालियर, जबलपुर, गुवाहाटी,लखनऊ, पेक चंडीगढ़, बिट्स मिसरा आईआईईएसटी शिवपुर, जेएनयू, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना रहेगी। विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक 20 से 30 हजार के मध्य रहती है उन्हें टॉप 10 एनआईटी की अन्य ब्रांचों के अतिरिक्त पटना, रायपुर, सिल्चर, उत्तराखंड, श्रीनगर, आंध्रप्रदेश, अरूणाचल प्रदेश जैसे एनआईटी की कोर ब्रांचों के साथ-साथ नए ट्रिपलआईटी जैसे तिरछी, नागपुर, पूणे, सूरत, भोपाल, वडोदरा, , रांची, आदि मिलने की संभावनाएं बन सकती है। साथ ही 30 से 60 हजार ऑल इंडिया रैंक वाले विद्यार्थियों को टॉप 20 एनआईटी की कोर ब्रांचों के अलावा अन्य ब्रांचों व नोर्थ ईस्ट के एनआईटी जैसे सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम में कोर ब्रांचों के साथ साथ नए ट्रिपलआईटी रांची, धारवाड़ ,कल्याणी, कुर्नूल, चित्तूर ,नया रायपुर, मणिपुर ऊना, कोटयम व जीएफटीआई में प्रवेश मिलने की संभावना बन सकती है। यह दी गयी एआईआर पर कॉलेज मिलने की संभावनाएं कैटेगिरी अनुसार सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एससी-एसटी के विद्यार्थियों के लिए बदल सकती है।
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दो साल बाद बदले टाइ लगने से एआईआर निर्धारण के मापदण्ड
आहूजा ने बताया कि विद्यार्थियों के हायर एनटीए स्कोर में टाइ लगने पर रैंक के निर्धारण में दो साल बाद बदलाव किया है। इस वर्ष 7 मापदण्ड निर्धारित किए गए, जिसमें यदि दो विद्यार्थियों के टोटल एनटीए स्कोर समान आते हैं तो ऑल इंडिया रैंक निर्धारण में सर्वप्रथम मैथेमेटिक्स का एनटीए स्कोर देखा जाता है। यह समान होने पर फिजिक्स, इसके बाद कैमेस्ट्री का एनटीए स्कोर, फिर सही और गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है। इस स्थिति में टाइ लगने पर विषयवार मैथेमेटिक्स के सही व गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात, यहां भी टाइ लगने पर फिजिक्स के सही और गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात, उसमें टाइ लगने पर कैमेस्ट्री के सही एवं गलत उत्तरों की संख्या का अनुपात देखा जाता है। उपरोक्त सभी मापदण्डों में भी टाइ लगने की स्थिति में विद्यार्थियों की समान आल इंडिया रैंक जारी कर दी गई, ऐसे में इस वर्ष कई विद्यार्थी ऐसे सामने आए, जिनका 300 में से 300 परफेक्ट स्कोर रहा और उन सभी को ऑल इंडिया रैंक-1 दी गई।
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एनटीए ने आंकड़ों में गलती सुधारी
अमित आहूजा ने बताया कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष जेईई-एडवांस्ड की पात्रता की कटऑफ में बदलाव आया है। गत वर्ष ओपन कैटेगरी की कटऑफ 93.2362181 रही थी। इसके साथ ही एनटीए की ओर से शुक्रवार रात जारी की गई प्रेस रिलीज में शनिवार को बदलाव कर पुनः जारी किया गया। पूर्व में जारी की गई प्रेस रिलीज में परीक्षा में रजिस्टर्ड एवं शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के आंकड़ों में गलती कर दी गई थी। छात्राओं की संख्या छात्रों की संख्या में दर्शा दी गई थी। साथ ही दोनों सेशन मिलाकर परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में भी बदलाव था, जिससे एनटीए के जारी किए गए परिणामों पर संशय पैदा हो गया था। इसे सही करते हुए ही पुनः रिलीज जारी की गई।
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सर्वाधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा दी
आहूजा ने बताया कि एनटीए द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के अनुसार जेईई-मेन परीक्षा के दोनों सेशन मिलाकर कुल 15 लाख 39 हजार 848 कुल यूनीक कैडिंडेट पंजीकृत हुए, जिनमें 14 लाख 75 हजार 103 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। 7 लाख 75 हजार 383 विद्यार्थी ऐसे रहे, जिन्होंने दोनों सेशन की परीक्षाएं दी। कुल परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों में 9 लाख 73 हजार 784 छात्र एवं 5 लाख 01 हजार 319 छात्राओं ने परीक्षा दी।