
कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की स्थानीय इकाई के द्वारा कर्तव्य बोध दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोटा विभाग संघ चालक व पूर्व शिक्षा निदेशक पन्नालाल जी रहे। मुख्य वक्ता के तौर पर प्रोफेसर मोहनलाल साहू (क्षेत्रीय अध्यक्ष इतिहास संकलन समिति कोटा) तथा विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा कोटा परिक्षेत्र गीता राम शर्मा रहे। अध्यक्षता प्रोफेसर दीपा चतुर्वेदी ने की। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के परिवर्तनशील समय में छात्रों में जो देश की भावी पीढी भी है। शिक्षा के साथ साथ संस्कार और संस्कृति का ज्ञान भी नितांत आवश्यक है। मुख्य वक्ता प्रोफेसर मोहनलाल साहू ने प्राचीन भारतीय परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि हमें अतीत से सीखते हुए भविष्य का निर्माण करना चाहिए। अतीत की नींव पर ही भविष्य रूपी सुंदर भवन का निर्माण किया जा सकता है। वर्तमान में हमारे इस अतीत को कहीं न कहीं दमित शमित करने का प्रयास किया जा रहा है। अतःप्राचीन साहित्य, इतिहास और संस्कृति को पुनः स्थापित करने के सतत प्रयास करने चाहिए जिससे एक सुदृढ़ देश का निर्माण हो सके। सहायक निदेशक प्रोफ़ेसर गीताराम शर्मा ने कहा कि वर्तमान में अब शिक्षण संस्थानों का स्वरूप तीर्थ संस्थान के रूप में होना चाहिए जहां पर आकर छात्र शिक्षा के साथ साथ अपने चरित्र बल को भी उन्नत कर सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर दीपा चतुर्वेदी ने इस तरह के कार्यक्रमों की उपयोगिता बताते हुए कहा कि महाविद्यालय में ऐसे कार्यक्रम सतत आयोजित किए जाने चाहिए। कार्यक्रम का संचालन इकाई सचिव प्रोफेसर आदित्य गुप्ता ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन सहसचिव डॉ. महावीर प्रसाद साहू ने किया। कार्यक्रम को संपन्न कराने में डॉ रामावतार सागर तथा प्रोफेसर मंजू गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।