विवेक कुमार मिश्र की चाय केंद्रित कविताओं पर परिचर्चा तथा चाय घर से पुस्तक का विमोचन

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कोटा। राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में प्रोफेसर विवेक कुमार मिश्र की चाय पर पुस्तकें चाय, जीवन और बातें, फुर्सतगंज वाली सुकून भरी दुनिया, तथा चाय घर से पर परिचर्चा आयोजित की गई। मुख्य अतिथि प्रोफेसर गीताराम शर्मा तथा अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर रोशन भारती ने की। सरस्वती वंदना डॉ महावीर साहू ने तथा स्वागत भाषण कवि विवेक मिश्र ने दिया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर गीताराम शर्मा ने कहा कि मिश्र जी की कविताएं जीवन का उत्सव धर्म रचते हुए आगे बढ़ती हैं। उनके यहां विषयों का वैविध्य आश्चर्यजनक ढ़ंग से है । वहीं अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रोफेसर रोशन भारती ने कहा कि विवेक मिश्र का सृजन संसार बहुत बड़ा है। इससे भी बड़ा मुकाम वे हासिल करें इसकी कामना हम सब करते हैं।

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परिचर्चा में प्रोफेसर विवेक कुमार मिश्र की पुस्तकों पर बोलते हुए मुख्य वक्ता डॉ मनोरंजन सिंह ने कहा कि विवेक मिश्र ने अपनी रचनाओं में चाय जैसे विषय पर लिख कर अपनी तिक्ष्ण कल्पना शक्ति के साथ एक सृजनधर्मी कवि होने का परिचय दिया। उनकी कविताएं सामाजिक एवं मानवीयता के धरातल को स्पर्श करती हैं। विवेक मिश्र बेफिक्री के साथ फुर्सत के पलों को नये सामाजिक संबंधों के साथ रचते हैं। चाय पर केंद्रित ये कविताएं चाय के साथ मानव समाज की सामाजिकी को और उसके समाज शास्त्रीय चिंतन को परिभाषित करती हैं। समीक्षक डॉ रमेश चंद मीणा ने कहा कि विवेक मिश्र के यहां चाय की उपस्थिति चित्र विचार और दर्शन के रूप में एक साथ सहज रूप से उपस्थित हैं। उनको पढ़ना अपने भावों का विस्तार करना है। भाषा क्लब की समन्वयक प्रोफेसर दीपा चतुर्वेदी ने कहा कि विवेक मिश्र के यहां अंग्रेजी के बड़े कवि वर्ड्सवर्थ एवं टी एस इलियट की विशेषताएं एक साथ हैं। भाषा से खेलते हुए जो संसार विवेक का कवि मन रचता है वह निरंतर हमें सोचने के लिए बाध्य कर देता है। इस अवसर पर डॉ विवेक शंकर ने कहा कि वे जितने बड़े कवि हैं उससे बड़ा इंसान उनके भीतर छिपा बैठा है। डॉ हिमा गुप्ता ने उनके विविध साहित्य रूपों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर रामावतार सागर ने कहा कि विवेक मिश्र अनूठे विम्बों के कवि हैं। उनके पास से रचनात्मकता का एक सोता हमेशा ही चलता रहता है जो हम सबको विचार विमर्श के लिए उकसाता रहता है।

कार्यक्रम में प्रोफेसर आर.के.गर्ग , प्रो गोविंद कृष्ण शर्मा, प्रो संजय लकी , प्रो आदित्य कुमार गुप्त, प्रो मंजू गुप्ता, प्रो.वंदना शर्मा , प्रो नुसरत फातिमा, प्रो प्रभा शर्मा, प्रो संतोष मीना , प्रो सुनीता गुप्ता, प्रो रमा शर्मा , डॉ चंचल गर्ग , डॉ विधि शर्मा, डॉ रसिला, डॉ बसंत लाल बामनिया, डॉ आर के मीना , डॉ गोविंद मीना डॉ अमिताभ बासु, डॉ सुमन गुप्ता, डॉ सुप्रिया सेठ, डॉ तलविंदर कौर, डॉ मनोज सिंघल, एकाउंट आफिसर हारुन खान आदि की गरिमामय उपस्थिति रही।

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