
कोटा। शिक्षक सम्मान समारोह और विचार गोष्ठी का आयोजन आज 5 सितंबर मंगलवार को राजकीय कला महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों की संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। शिक्षक दिवस के अवसर पर राजस्थान मिशन 2030 के परिपेक्ष में उच्च शिक्षा के गुणवत्ता संवर्धन शिक्षकों के योगदान विषय पर विचार गोष्ठी के साथ ही महाविद्यालय में कार्यरत समस्त आचार्यगण का रोली- चावल और माल्यार्पण कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ शालिनी भारती ने तथा विचार गोष्ठी में डॉ विवेक कुमार मिश्र और डॉ आदित्य कुमार गुप्त का पाथेय प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्रपट पर माल्यार्पण कर उनका सम्मान किया गया। डॉ विवेक कुमार मिश्र जी ने कहा कि हमें स्वयं आत्ममूल्यांकन करते हुए स्वयं को युगानुकुल और समयानुरूप बनाने का प्रयास करना चाहिए। हमें अपने कर्तव्य और दायित्वों का बोध होना चाहिए। डॉ आदित्य कुमार गुप्त ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। प्रलय और सृष्टि दोनों उसकी मुट्ठी में होते हैं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ शालिनी भारती जी ने कहा कि एक व्यक्ति की पहचान उसके कर्म होते हैं। अतः हमें अपने कर्मपथ पर आगे बढ़ते हुए उच्च शिक्षा को उन्नति के शिखर पर ले जाना है। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने भी मंच पर अपने विचार साझा किये।
स्वयंसेवक अजय प्रजापति ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थी का निर्माता होता है शिक्षक विद्यार्थी को यह बताता है कि वह अपना सर्वांगीण विकास कैसे कर सकता है । शिक्षक की भूमिका हमेशा एक सूत्रधार की होती है, एक तानाशाह की नहीं, सूत्रधार शिक्षक भूमिका होने के नाते अपने छात्र को ज्ञान प्राप्त करने और फिर से संगठित करने में सहायता करना है। इस अवसर पर महाविद्यालय में आचार्य पद पर पदोन्नत सभी संकाय सदस्यों का माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। संकाय सदस्यों ने शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन पर आपस में चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ समय सिंह मीना द्वारा किया गया। स्वागत भाषण डॉ रसीला एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ चंचल गर्ग ने किया । कार्यक्रम में वरिष्ठ संकाय सदस्य/ आचार्य प्रो लड्डू लाल मीना, प्रो मोहम्मद नईम, डॉ अमिताभ बासु, डॉ सुमन गुप्ता, डॉ जया शर्मा, डॉ सविता वर्मा आदि की सभी संकाय सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।