कोटा/ इटावा। जिंसों के बकाया भुगतान की मांग को लेकर 18 जुलाई 2022 से इटावा कृषि उपज मंडी परिसर में धरने पर बैठे किसानों ने शनिवार को जिला कलक्टर के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया। साथ ही धरने को स्थगित कर एक माह के बाद जिला मुख्यालय कोटा में धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। संघर्ष समिति अध्यक्ष मुरलीधर मीणा केशोपुरा ने बताया कि 18 जुलाई 2022 से चल रहे 102 पीड़ित किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को 10 माह हो चुके हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा फरार फर्म कृष्णा ट्रेंडिंग कम्पनी के मालिक व गारंटर की संपत्ति को बेचकर मंडी समिति इटावा द्वारा पीड़ित किसानों को उनकी बकाया राशि 1 करोड़ 46 लाख का भुगतान नहीं कराया गया है। किसानों के संघर्ष के चलते फर्म की संपत्ति को कुर्क किया गया। लेकिन अभी मंडी प्रशासन और लाडपुरा उपखण्ड प्रशासन फरार व्यापारिक फर्म को बचाने में लगा हुआ है। जिसका साथ स्थानीय राजनैतिक पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी दे रहे हैं।
अगर दोनों राजनैतिक दल किसानों के हितैषी होते तो पीपल्दा क्षेत्र के पीड़ित किसानों का भुगतान हो जाता। संघर्ष समिति संयोजक गजानन्द गौड, राजकुमार रोहली, भोजराज नागर, धनपाल गुर्जर, महेंद्र सुमन ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही पीड़ित किसानों की बकाया राशि का भुगतान मंडी समिति इटावा द्वारा नहीं कराया गया तो 1 माह बाद संघर्ष समिति को यह धरना जिला मुख्यालय कलक्ट्रेट के गेट पर लगाने को मजबूर होना पड़ेगा। किसान सभा सचिव कमल बागड़ी ने कहा कि किसानों के साथ सरकार धोखे पर धोखा करती जा रही है। पिछले साल सरकारी कांटे पर चने की फसल की तुलाई क्षमता 40 किवंटल थी। इस बार 25 किवंटल रखी गई है जो पिछले साल से 15 किवंटल कम है। किसान सभा और संघर्ष समिति मांग करती है कि चने की खरीद क्षमता 40 किवंटल की जाए। सरसों, गेहूं की खरीद क्षमता को खरीद केंद्रों पर बढ़ाने का जिला कलक्टर जल्द आदेश जारी करे।

















