
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा स्टोन और सेंड स्टोन के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाले हाडोती संभाग में के खनन क्षेत्र में सिलिकोसिस बीमारी से बचाव के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। इसके लिए न केवल श्रमिकों में जागरूकता पैदा की जा रही है बल्कि खान मालिकों को भी कार्य स्थलों पर सिलिकोसिस से बचाव के हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि बीमारियों का प्रकोप श्रमिकों के बीच न हो।
ऐसी बीमारियों में दमा और सांस संबंधी अन्य रोग भी शामिल हो सकते हैं। कोटा में जिला कलक्टर ओ पी बुनकर की अध्यक्षता में सोमवार को नवाचार कार्यक्रमों के संबंध में आयोजित एक बैठक में भी इस बारे में अधिकारियों को आवश्यक स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए जिनकी पालना के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है।
बैठक में निर्देश दिये गये कि कोटा जिले में सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्तियों को चिन्हित कर योजनाओं का लाभ देने के लिए सभी स्टोन क्रेशर संचालित क्षेत्रों में नियमित रूप से शिविर आयोजित किए जाएं। कार्यरत् श्रमिकों को सिलिकोसिस से बचाव के लिए आवश्यक उपकरणों को लगाने के लिए प्रेरित करें।
साथ ही बैठक में कहा गया कि उद्यमियों को भी पाबंद करें कि सिलिकोसिस से बचाव सभी प्रबन्ध कार्यस्थल पर किए जाए। श्री बुनकर ने खनिज, चिकित्सा एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से शिविर आयोजित कर प्रत्येक श्रमिक की स्वास्थ्य जांच करने एवं प्रभावित श्रमिकों को सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए।
बैठक में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे नागरिकों के लिए चलाए जा रहे सम्बल अभियान की समीक्षा करते हुए उन्होंने वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग पेंशन में पात्र सभी नागरिकों को स्वप्रेरणा से पेंशन स्वीकृत करने तथा पालनहार योजना का लाभ देने के भी निर्देश दिए।
बैठक में निरोगी कोटा नवाचार कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करते हुए टीकाकरण से वंचित नवाजात शिशुओं एवं महिलाओं के शत्-प्रतिशत टीका लगाने के निर्देश दिए। श्री बुनकर ने कहा कि गर्भवती एवं प्रसूताओं को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में गोद भराई कार्यक्रम आयोजित किए जाएं जिसमें गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी जानकारी प्रदान कर भामशाहों के सहयोग से सामग्री का वितरण किया जाए। श्री बुनकर ने जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान देने निर्देश दिए। साथ ही सभी चिकित्सा संस्थानों में पड़े अनुपयोगी सामान का निस्तारण करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
सिलिकोसिस से बचाव के लिए खान में कार्यरत श्रमिको को खाने के लिए गुड़ दिया जाता है लेकिन जागरूकता और अभाव के कारण श्रमिक गुड़ बेच देते हैं.