-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर सम्पूर्ण भारतीय रेल में मनाए जा रहे ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव‘‘ के उपलक्ष्य में 14 अगस्त को सम्पूर्ण देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर याद किया जा रहा है। इस अवसर पर कोटा स्टेशन पर दोपहर 1.30 बजे से प्लेटफार्म एक पर आयोजित कार्यक्रम में स्वर्गीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अजीत सिंह के सुपुत्र मनवीर सिंह ने देश “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” की डिजिटल प्रदर्शनी का अनावरण किया। इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथि, स्वतंत्रता सेनानी के परिवारजन एवं जनसामान्य उपस्थित हुए।
छह प्रमुख स्टेशनों पर भी प्रदर्शनी
इस अनावरण के दौरान मण्डल रेल प्रबंधक के साथ अपर मंडल रेल प्रबंधक (ओ एण्ड ए) मनोज जैन ,वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय, वरिष्ठ मण्डल इंजीनियर (समन्वय) संजय यादव, वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबंधक तुषार सारस्वत, वरिष्ठ मण्डल संकेत एवं दूर संचार इंजीनियर आर.आर मीणा, वरिष्ठ मंडल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (सामान्य) हरीश रंजन, वरिष्ठ मण्डल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (टीआरडी) एमएस. मीणा,वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर(फ्रेट) प्रेम सिंह सहित अन्य अधिकारी, पर्यवेक्षक कर्मचारी व यात्री उपस्थित थे । इसके अतिरिक्त कोटा मण्डल के चयनित किये गए छह प्रमुख स्टेशनों सवाई माधोपुर,भरतपुर, हिंडौन सिटी, बून्दी, बारां एवं झालावाड़ सिटी पर भी विभाजन विभीषिका स्मृति से सम्बंधित डिजिटल-चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। बूंदी स्टेशन पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, प्रदर्शनी का अनावरण कैलाश सोनी एव राजकुमार दाधीच के कर कमलों से किया गया । हिंडौन सिटी स्टेशन पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, प्रदर्शनी का अनावरण वयोवृध् जगन्नाथ सिंह के कर कमलों द्वारा किया गया ।
चित्रों के माध्यम से लोगों के पलायन को दर्शाया
बारां स्टेशन पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, प्रदर्शनी का अनावरण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय धन्ना लाल पटवा की धर्म पत्नि श्रीमति विमला देवी के कमलों द्वारा किया गया। सवाई माधोपुर स्टेशन पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, प्रदर्शनी का अनावरण वयोवृध् जय नारायण जी एवम मोहम्मद नजरुद्दीन के कर कमलों द्वारा किया गया। भरतपुर स्टेशन पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, प्रदर्शनी का अनावरण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय राम चन्द्र माथुर के पुत्र अनिल कुमार माथुर , स्वर्गीय विजेन्द्र सिंह चंदेला के पुत्र विवेक चंदेला और वयोवर्ध् ओमकार सिंह सन्धू के कर कमलों द्वारा किया गया । इस प्रदर्शनी में चित्रों के माध्यम से विभाजन के समय लोगों के पलायन को दर्शाया गया है। प्रदर्शित चित्रों के माध्यम से वर्तमान पीढ़ी को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा झेली गई कठिनाइयों को स्मरण कराने हेतु यह प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से भारत का विभाजन किसी भी विभीषिका से कम नहीं है, इसमे यथासंभव प्रकरणों का प्रदर्शन किया गया है।

















