पश्चिम-मध्य रेलवे के इंजन चालकों पर भी रहेगी कैमरे से नजर

सीसीटीवी कैमरे आईपी आधारित होंगे ताकि रिमोट मॉनिटरिंग की जा सके। इनकी रिकॉर्डिंग को सामान्यता डिलीट नहीं किया जा सकेगा।वीडियो का डाटा 90 दिनों तक सुरक्षित रहेगा जो कि फर्स्ट इन फर्स्ट आउट (एफ़आईएफ़ओ) की तर्ज पर काम करेगा। यह सिस्टम माइनस 10 डिग्री से 55 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के अनुसार डिजाइन किया गया है ताकि हर मौसम में बेहतर गुणवत्ता मिलती रहे। साथ ही इसमें नाइट विजन का प्रावधान है जो कम लाइट में भी काम करता है

-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। रेलगाड़ियों एवं माल के सुरक्षित परिवहन के लिए अब भारतीय रेलवे ने रेल गाड़ियों में लगने वाले रेल इंजनों पर भी नजर रखी जाएगी।
इसके तहत रेल इंजनों में अंदर सीसीटीवी कैमरे (क्रू वॉइस एवं वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम) का प्रावधान किया जा रहा है जिससे रेल संचालन के दौरान लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट पर नजर रखी जा सकेगी और साथ ही साथ इंजन के सामने भी सीसीटीवी कैमरा लगाया जा रहा है जिससे चलती ट्रेन के सामने आने वाले ट्रैक पर भी रेलवे की तीसरी नजर होगी। इससे ट्रेन के आगे आने वाले अवरोध या ओएचई या सिग्नल आदि की भी जानकारी रेल प्रशासन को मिलती रहेगी। इससे रेलगाड़ियों की अधिकतम संरक्षा सुनिश्चित होगी।
पश्चिमी-मध्य रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि यह सीसीटीवी कैमरे आईपी आधारित होंगे ताकि रिमोट मॉनिटरिंग की जा सके। इनकी रिकॉर्डिंग को सामान्यता डिलीट नहीं किया जा सकेगा।वीडियो का डाटा 90 दिनों तक सुरक्षित रहेगा जो कि फर्स्ट इन फर्स्ट आउट (एफ़आईएफ़ओ) की तर्ज पर काम करेगा। यह सिस्टम माइनस 10 डिग्री से 55 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के अनुसार डिजाइन किया गया है ताकि हर मौसम में बेहतर गुणवत्ता मिलती रहे। साथ ही इसमें नाइट विजन का प्रावधान है जो कम लाइट में भी काम करता है।
पश्चिम-मध्य रेल पर इटारसी लोको शेड, न्यू कटनी जंक्शन लोको शेड और तुगलकाबाद लोको शेड पर इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि पश्चिम-मध्य रेल पर कुल 55 लोको में क्रू वॉइस एवं वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाया जा चुका है जिसमे इटारसी लोको शेड में 20, न्यू कटनी जंक्शन लोको शेड में 13 और तुगलकाबाद लोको शेड में 22 लोको में यह सुविधा लगाई गई है। विद्युत लोको शेड तुगलकाबाद के शेष 263 लोको में भी इस सिस्टम को लगाया जाना है। सिस्टम खरीदने का कार्य केन्द्रीय एजेंसी के तौर पर चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा किया जा रहा है । जल्द ही पश्चिम मध्य रेल के 445 अन्य लोको(इंजनों) में भी यह सिस्टम लगाया जायेगा।

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