
– विवेक कुमार मिश्र

@.दी चाय इज दुनिया
और दुनिया भर में ताज़गी, नयापन
और कुछ भी कर लेने की ज़िद
कहीं एक जगह पर मिलती है तो
वह चाय ही है, चाय हमारे इर्द-गिर्द रच देती है
कुछ हटकर नया करने की ज़िद
इतना ही नहीं चाय के साथ ही
दुनिया को जानने समझने की ज़िद भी आ जाती है
चाय बराबर से हमें उस मोड़ तक
ले जाने का काम करती है कि
हम दुनिया को समझने के लिए
एक न एक आसान रास्ता बना लें
चाय हमें रास्ता देखना भी सीखाती है
और रास्ता बनाना भी चाय के साथ ही सीखते हैं
आज चाय पर पूरी दुनिया ही
@.दी रेट घूमती रहती है
चाय जोड़ देती है एक साथ
वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टा,एक्स, इन तक
हर दुनिया पर चाय…
इस तरह से छा जाती है कि
चाय के अलावा
कुछ और दिखाई नहीं देता
चाय इस दुनिया को जीने का रास्ता भी देती है
तो बदलती हुई दुनिया का एक-एक नक्शा
चाय पर उठते हुए ही सामने आती है
चाय केवल पेय पदार्थ भर नहीं है
चाय के साथ दुनिया भर का रंग आ जाता है
चाय इस ज़माने में
पूरी दुनिया में घूम जाने का संदेश देती है
आप कहीं भी हो कैसे भी रहे
पर चाय का रंग आपके आसपास ही रहता है
चाय केवल घर में ही नहीं बनती
बल्कि चाय घर और बाहर एक साथ मिलती हैं
दुनिया में होना और दुनिया का होना
दोनों एक नहीं है चाय के साथ हम सब
इस दुनिया को पूरा का पूरा देख लेते हैं,
चाय जीने का, रंग के साथ जीने का और
जिंदगी का वह जज्बा दे जाती है
जो हर हालात में लड़ने का सूत्र देती है ।
– विवेक कुमार मिश्र