कांग्रेस और भाजपा में स्पीकर के चुनाव को लेकर रार ?

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-दलित नेता खरगे के अपमान का बदला, स्पीकर के लिए दलित उम्मीदवार खड़ा करके लेगा इंडिया गठबंधन

– देवेंद्र यादव-

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देवेंद्र यादव

यदि 26 जून बुधवार को लोकसभा स्पीकर के लिए मतदान हुआ तो देश की संसद पहली बार इतिहास रचेगी। एनडीए गठबंधन की तरफ से ओम बिरला ने लोकसभा स्पीकर के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है वहीं इंडिया गठबंधन की तरफ से आठ बार के सांसद दक्षिण के दलित नेता पी सुरेश ने भी नामांकन दाखिल कर दिया है।
अब से पहले लोकसभा स्पीकर का चयन सर्वसम्मति से होता आया है मगर इस बार पक्ष और विपक्ष के बीच स्पीकर को लेकर सर्वसम्मति नहीं बनी। ऐसे में एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए।
देश में चर्चा स्पीकर के चुनाव को लेकर चल रही है वहीं बड़ी चर्चा यह चल रही है कि भाजपा ने विपक्ष के नेताओं से सर्वसम्मति बनाने के लिए वरिष्ठ नेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जिम्मेदारी दी थी। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से फोन पर बात की। मल्लिका अर्जुन खड़गे ने राजनाथ सिंह को स्पीकर के लिए सहयोग करने को कहा मगर साथ में यह भी कहा कि सत्ता पक्ष विपक्ष के नेता को लोकसभा का डिप्टी स्पीकर बनाने के लिए सहयोग करें, मगर राजनाथ सिंह जी ने इसके लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को बाद में फोन नहीं किया। इसे कांग्रेस और इंडिया गठबंधन मल्लिकार्जुन खड़गे का अपमान बता रही है।
एक और सवाल खड़ा होता है कि सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे से लोकसभा स्पीकर के मामले में सर्वसम्मति बनाने के लिए राजनाथ सिंह को फोन पर नहीं बल्कि उनके घर जाकर या ऑफिस में जाकर बात करनी चाहिए थी क्योंकि सहमति एक बहुत बड़े पद के लिए होने जा रही थी। सवाल यह है कि सत्ताधारी नेता सर्वसम्मति के नाम पर फॉर्मेलिटी करना चाहते थे या गंभीर थे। यदि गंभीर होते तो विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से फोन पर बात नहीं करके उनके घर जाते और बैठकर चर्चा करते ?
सवाल यह खड़ा होता है कि क्या कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने दलित नेता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे के अपमान का बदला दलित नेता को स्पीकर के लिए प्रत्याशी बनाकर ले लिया है।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर भरोसा नहीं है। वह कहते कुछ और है और करते कुछ और हैं।
राहुल गांधी का यह संदेश यदि दूर तलक चला गया, तो भारतीय जनता पार्टी को अपना लोकसभा स्पीकर जितवाने में दिक्कत आ जाएगी, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के पास स्वयं के 240 वोट हैं बाकी तो सहयोगी हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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