
भारतीय वायुसेना ने युद्ध कौशल और सटीक मारक क्षमता का हमेशा लोहा मनवाया है। लेकिन इस क्षेत्र में भारतीय वायुसेना ने कितनी तरक्की की है इसकी बानगी हाल ही के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को उडाने और उसके बाद की परिस्थितियों में देखने को मिली है। भारतीय वायु सेना की एक ऐतिहासिक उपलब्धि ने वैश्विक रक्षा हलकों में गूंज पैदा कर दी। भारतीय वायुसेना (IAF) के अधिकारी ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी ने अपनी S-400 ‘ट्रायम्फ’ रेजीमेंट का नेतृत्व कर विमानन इतिहास में अब तक दर्ज सबसे लंबी सतह-से-आकाश में मार हासिल की। ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के दौरान, उनकी यूनिट ने पाकिस्तान वायुसेना (PAF) के DA-20EW फाल्कन्स / साब एराइए-2000 AEW&C विमान को 314 किलोमीटर की दूरी पर मार गिराया। यह उपलब्धि दुनिया में अब तक की सबसे लंबी surface-to-air kill के रूप में दर्ज की गई। इस असाधारण सफलता ने न केवल भारत की वायु रक्षा क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि ग्रुप कैप्टन पाटनी को भारत के तीसरे सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार “वीर चक्र” से भी सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि ग्रुप कैप्टन अनिमेश पाटनी हाडोती के बारां जिले के कुंजेड गांव के प्रतिष्ठित पाटनी परिवार से हैं। उनकी उपलब्धि हाडोती के लिए गौरव का प्रतीक है। इसी पाटनी परिवार के ही एक अन्य सदस्य प्रशांत पाटनी ने अपने नए नए प्रयोगों से कुंजेड को आदर्श ग्राम बना दिया है।

अनुभव और नेतृत्व
ग्रुप कैप्टन पाटनी उच्च जोखिम वाले अभियानों से भलीभांति परिचित हैं। वे एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं जिन्होंने मिग-29 उड़ाया है। उनकी करियर यात्रा कौशल, साहस और सटीकता का प्रमाण है। उनके कॉम्बैट एविएटर अनुभव ने उन्हें S-400 ‘ट्रायम्फ’ एयर डिफेंस सिस्टम का नेतृत्व करने के लिए आदर्श बना दिया। यह जिम्मेदारी न केवल तकनीकी ज्ञान बल्कि वायु युद्ध की गहरी समझ भी मांगती है। पाटनी का नेतृत्व भारतीय वायुसेना में एक नया मानक स्थापित करता है।
S-400 सिस्टम और भारत की रणनीति
S-400 रूस से 5.4 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत खरीदा गया था, जिसका नेतृत्व तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोज पार्रिकर ने किया था। यह सिस्टम 400 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है। यह लड़ाकू विमानों, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों तक को निष्क्रिय कर सकता है। पाटनी का नेतृत्व इस प्रणाली की पूरी क्षमता को उजागर करने में निर्णायक सिद्ध हुआ।

ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को लॉन्च किया गया। यह 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (26 नागरिकों की मृत्यु) के जवाब में था। IAF ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जहाँ मुरिदके और बहावलपुर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के केंद्र थे। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस और नागरिक ढाँचों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन IAF के एयर डिफेंस नेटवर्क और S-400 ने उसकी योजना विफल कर दी।
रिकॉर्ड-ब्रेकिंग मार
ग्रुप कैप्टन पाटनी की कमान में, S-400 रेजीमेंट ने पाकिस्तान वायुसेना के AEW&C विमान को 314 किलोमीटर की दूरी पर निशाना बनाया। यह विमान पाकिस्तान की वायु शक्ति का महत्वपूर्ण अंग था। इसे मार गिराना भारत के लिए एक निर्णायक रणनीतिक जीत थी। एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने इसे “अब तक की सबसे बड़ी surface-to-air kill” बताया, जो भारतीय वायुसेना की तकनीकी दक्षता और पाटनी के नेतृत्व का प्रमाण है।
वीर चक्र सम्मान
14 अगस्त 2025 को, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी और अन्य आठ IAF अधिकारियों को वीर चक्र से सम्मानित किया। यह पुरस्कार पाटनी के साहस और रणनीतिक सूझबूझ की मान्यता है। उन्होंने न केवल उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को नष्ट किया बल्कि पाकिस्तान के दुष्प्रचार (S-400 के नष्ट होने के झूठे दावे) को भी ध्वस्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 मई को आदमपुर एयरबेस का दौरा किया और सुरक्षित S-400 लांचर को देखा, जिससे पाकिस्तान के दावे पूरी तरह खारिज हो गए।
सहयोगी अधिकारी
ग्रुप कैप्टन पाटनी की रेजीमेंट के दो अन्य अधिकारियों विंग कमांडर मिलिंद लोन्धे और विंग कमांडर केशव शर्मा को “Mentions in Dispatches” मिला, उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए।
रणनीतिक संदेश
314 किलोमीटर की इस उपलब्धि ने भारत के विरोधियों को स्पष्ट संदेश दिया: भारत का आकाश किला है। चीन द्वारा पाकिस्तान को J-35 स्टील्थ फाइटर्स देने की खबरों के बीच भारत का S-400 पर यह प्रदर्शन और संभावित S-500 अधिग्रहण सही समय पर उठाया गया कदम माना जा रहा है। पाटनी की उपलब्धि ने भारत को लंबी दूरी की एयर डिफेंस वॉरफेयर में नई ऊँचाई दी है। इससे साबित हुआ कि भारत की सेना किसी भी चुनौती का निर्णायक और ऐतिहासिक जवाब देने के लिए तैयार है।
(आलेख एवं फोटो सौजन्य प्रशांत पाटनी)

















